मुख्यमंत्री प्रदेश के विकास और अपनी सेहत पर दें ध्यान : Jairam Thakur

कुल्लू (सृष्टि) : कुल्लू के भुंतर में जिला कुल्लू भाजपा के द्वारा भाजपा समर्थित बीडीसी जनप्रतिनिधियों के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में जिला कुल्लू और जिला लाहौल स्पीति के बीडीसी सदस्यों ने भाग लिया। वही, इस शिविर में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी विशेष रूप से.

कुल्लू (सृष्टि) : कुल्लू के भुंतर में जिला कुल्लू भाजपा के द्वारा भाजपा समर्थित बीडीसी जनप्रतिनिधियों के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में जिला कुल्लू और जिला लाहौल स्पीति के बीडीसी सदस्यों ने भाग लिया। वही, इस शिविर में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी विशेष रूप से शामिल हुए और उन्होंने सभी बीडीसी सदस्यों को भी इस शिविर के आयोजन के बारे में जानकारी दी। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम का जिला कुल्लू भाजपा के अध्यक्ष अरविंद चंदेल के द्वारा स्वागत किया गया और जिला में भाजपा के द्वारा किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी गई। वहीं, उपस्थित बीडीसी सदस्यों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इससे पहले जिला परिषद सदस्यों का प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुआ है और भाजपा संगठन के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के सभी जिला में इस तरह के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाए। वही शिविर में जनप्रतिनिधियों से भी आग्रह किया गया है कि वह केंद्र सरकार की योजनाओं का गांव-गांव जाकर प्रचार करें। ताकि केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों तक पहुंच सके।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को फिलहाल अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना चाहिए। आज उन्हें मौका मिला है तो वह भाजपा के नेताओं को कोस रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि प्राकृतिक आपदा में भी भाजपा के नेताओं ने लोगों को राहत देने की दिशा में लगातार काम किया और भाजपा के नेता हिमाचल प्रदेश के हित के लिए अपनी जान देने को भी तैयार है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह आए दिन अजीबोगरीब बयान देते रहते हैं। लेकिन भाजपा एक शालीन पार्टी है और भाजपा के नेता संयम में रहकर बयान जारी करते हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर को चाहिए कि वह शालीनता से प्रदेश के विकास कार्यों को लेकर काम करें और अपने स्वास्थ्य लाभ की ओर विशेष ध्यान दें।

प्रदेश में सीपीएस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि कांग्रेस सरकार के द्वारा इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में ले जाया गया। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय में कांग्रेस की ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ। इससे यह पता चलता है कि कांग्रेस सरकार भी अब इस बात को मान गई है कि इस मामले में अब आगे कुछ नहीं होने वाला है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा के वकील सर्वोच्च न्यायालय में उपस्थित थे और कल शनिवार को भी प्रदेश हाईकोर्ट में इस बारे में फैसला आना है। ऐसे में इस मामले में अब जल्द फैसला जनता के सामने आना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में अब कांग्रेस सरकार को कुछ दिनों में 11 माह का कार्यकाल पूरा होने वाला है। लेकिन सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने बदले की भावना से काम करना शुरू किया और 1000 से अधिक का संस्थानों को बंद कर दिया। कांग्रेस सरकार आज विकास को नहीं बल्कि यह देख रही है कि इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का नेता है। तो उस विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए कोई भी राशि जारी नहीं की जा रही है। कांग्रेस सरकार के राज में आए दिन कर्मचारी हड़ताल पर बैठ रहे हैं। शिमला के रिज मैदान से लेकर हर जिला के मुख्यालय में कर्मचारी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। जिन कर्मचारियों ने कोविड काल में अपनी जान खतरे में डालकर लोगों की सेवा की। उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखाया गया। ऐसे में कांग्रेस सरकार के 11 माह के कार्यकाल में कर्मचारी को भी प्रताड़ित हो रहे है और अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी आए दिन सड़कों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कई विभागों में लोगों के द्वारा कार्य पूरे किए गए। लेकिन उन लोगों को भी विभाग के द्वारा समय पर राशि नहीं दी जा रही हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर निशाना चाहते हुए कहा कि वह झूठ बोलकर सत्ता में तो आ गई। लेकिन आज अपने किसी भी गारंटी को वह पूरा नहीं कर पा रहे हैं। वही जिस बात की कांग्रेस सरकार को समझ नहीं है वह उस बात को बंद करने में विश्वास कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पूरे प्रदेश में क्रशर को बंद कर दिया गया। क्रशर को बंद करना कोई समाधान नहीं है बल्कि इसके कारण को जानना काफी जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर किसी क्रशर से पर्यावरण को खतरा हो रहा है तो उस पर ध्यान देने की आवश्यकता थी। लेकिन सरकार को इस बात की कोई समझ नहीं थी और उन्होंने पूरे प्रदेश में क्रशर को बंद कर दिया। आज प्रदेश में क्रशर बंद होने के चलते लोगों के भवनों के कार्य बीच में अटक गए हैं और सरकारी कार्यों में भी काफी देरी हो रही है। लोगों को कालाबाजारी के माध्यम से भवन निर्माण सामग्री खरीदनी पड़ रही है।

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