Kullu में सीआईटीयू कार्यकर्ताओं ने मनाया मजदूर दिवस

कुल्लू (सृष्टि) : कुल्लू में आज सीआईटीयू कार्यकर्ताओं द्वारा मजदूर दिवस मनाया गया। इस मौके पर पर सीआईटीयू कार्यकर्ताओं ने बैठकर मजदूरों के अधिकारों को लेकर चर्चा की हैं। सीआईटीयू के जिला अध्यक्ष ने बताया की आज प्रदेश भर में मजदूर दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया की जैसे पहले दुनिया भर में मजदूरों.

कुल्लू (सृष्टि) : कुल्लू में आज सीआईटीयू कार्यकर्ताओं द्वारा मजदूर दिवस मनाया गया। इस मौके पर पर सीआईटीयू कार्यकर्ताओं ने बैठकर मजदूरों के अधिकारों को लेकर चर्चा की हैं। सीआईटीयू के जिला अध्यक्ष ने बताया की आज प्रदेश भर में मजदूर दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया की जैसे पहले दुनिया भर में मजदूरों के लिए 8 घंटे काम करने का कानून बनाया गया था। वहीं अब मोदी सरकार ने मजदूरों के लिए 12 घंटे काम करने की बात कहीं है, जो की बेहद गलत है। वहीं उनके द्वारा मांग रखी गई कि केंद्र सरकार मजदूरों के हितों को लेकर निर्देश जारी करें। ताकि देश भर के मजदूरों को इसका फायदा मिल सके।

वहीं इस दौरान यह बताया गया कि अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पहली बार अमेरिका के शिकागो में साल 1889 में मनाया गया था। जब अमेरिका में मजदूर अपने हक पर हड़ताल पर बैठ गए थे। इस आंदोलन का मुख्य कारण मजदूरों की कार्य अवधि थी। क्योंकि उस दौरान मजदूर को 1 दिन में 15 घंटे काम करना पड़ता था। इस आंदोलन के दौरान पुलिस ने मजदूरों पर गोली चलाई, जिसमें कई मजदूरों की जान चली गई थी। ऐसे में इस घटना के 3 साल बाद अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई। बैठक में तय किया गया कि हर मजदूर से प्रतिदिन 8 घंटे ही काम लिया जाएगा और हर साल 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाएगा। अमेरिका के मजदूरों की तरह कई देशों में अभी 8 घंटे काम करने के नियम को लागू किया गया। सीपीआईएम जिला कुल्लू के अध्यक्ष सर चंद ने बताया कि भारत में भी मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत लगभग 34 साल पहले हुई और भारत में भी मजदूरों ने अत्याचार व शोषण के खिलाफ आवाज उठाई। वहीं मजदूरों का नेतृत्व भारत मे वामपंथी दल के द्वारा किया गया था।

सीपीआईएम के जिला अध्यक्ष सर चंद ने बताया कि केंद्र की भाजपा सरकार के राज में पूंजीवाद का बोलबाला है और मजदूरों से उनके अधिकार छीने जा रहे हैं। वहीं अब केंद्र सरकार के द्वारा यह कानून भी पास किया गया है कि शाम 5:00 बजे के बाद भी महिला को काम के लिए बुलाया जा सकता है। ऐसे में सीपीआईएम मजदूरों के हितों को लेकर काम करेगी और मजदूर विरोधी निर्णय का विरोध किया जाएगा।

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