CM Sukhu 14 मार्च से Himachal विधानसभा का पहला बजट सत्र करेंगे पेश

शिमला : हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र 14 मार्च से होगा। 6 अप्रैल तक चलने वाले बजट सत्र के दौरान 18 बैठकें होंगी। बजट सत्र में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आगामी माली साल 2023- 24 का बजट प्रस्तुत करेंगे। बतौर मुख्यमंत्री सुक्खू का यह पहला बजट होगा। बजट सत्र के आयोजन को लेकर सरकार मंत्रिमंडल.

शिमला : हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र 14 मार्च से होगा। 6 अप्रैल तक चलने वाले बजट सत्र के दौरान 18 बैठकें होंगी। बजट सत्र में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आगामी माली साल 2023- 24 का बजट प्रस्तुत करेंगे। बतौर मुख्यमंत्री सुक्खू का यह पहला बजट होगा। बजट सत्र के आयोजन को लेकर सरकार मंत्रिमंडल के फैसले की सिफारिश राज्यपाल से करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के दिशा-निर्देशों को स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत अनाथ और विशेष रूप से सक्षम बच्चोंए निराश्रित महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को लाया गया है, जिसमें उन्हें हर संभव सहायता का प्रावधान किया गया है। योजना में प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों को अपने बच्चों (चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट) के रूप में अपनाया है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत मौजूदा अधोसंरचना के उन्नयन के साथ-साथ मौजूदा संस्थानों का युक्तिकरण कर उन्हें सुदृढ़ किया जाएगा ताकि आवासियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो सकें।

योजना के तहत उपेक्षति वरिष्ठ नागरिकोंए अनाथ बच्चोंए विशेष रूप से सक्षम बच्चों और निराश्रित महिलाओं की बेहतर देखभाल के लिए नए एकीकृत घरों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से एक परिसर में अलग.अलग खण्डों में किया जाएगा। इनमें सभी आधुनिक सुविधाओं का समावेश होगा। यह आधुनिक एकीकृत घर जिला कांगडा के ज्वालामुखी तथा जिला मंडी के सुंदरनगर में स्थापित होंगे। योजना के अंतर्गत संस्थान में रहने वाले बच्चों की गुणात्मक शिक्षा का प्रावधान किया गया है ।समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के माध्यम से ऐसे बच्चों को मेंटरशिप भी प्रदान की जाएगी। दसवीं से बाहरवीं तक के बच्चों को सूचीबद्ध एजेंसियों के माध्यम से करियर काउंसलिंग भी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त उच्च शिक्षा के लिए भी इन बच्चों को सरकार सहायता प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री सुख.आश्रय योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के पात्र आवासियों को कोचिंग , छात्रवास शुल्क, शिक्षण शुल्क आदि के लिए प्रति व्यक्ति एक लाख रु पए प्रति वर्ष प्रदान करने के अलावा कोचिंग की अविध के दौरान चार हजार रु पए प्रति आवासी प्रति माह छात्रवृत्ति प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। योजना में इन संस्थानों के आवासियों को विवाह के लिए अधिकतम दो लाख की रकम अथवा वास्तविक खर्च जो भी कम हो प्रदान किया जाएगा।इन संस्थानों में रहने वाले प्रत्येक बच्चेए निराश्रित महिलाओं का आवर्ती जमा खाता खोला जाएगा, जिसमें सरकार द्वारा 0 से14 वर्ष के आयु के बच्चों को एक हजार रु पए प्रति बच्चा प्रति माहए 15 से18 वर्ष आयु के बच्चों व एकल महिलाओं को दो हजार पांच सौ रुपए प्रति माह की सहायता राशि देगी। इन संस्थानों के आवासियों को भारत के विभिन्न दर्शनीय अथवा ऐतिहासिक स्थलों का पंद्रह दिन का शैक्षिक भ्रमण प्रति वर्ष आयोजित करने का भी प्रावधान है।

आवासियों के लिए यात्रा की व्यवस्था शताब्दी ट्रेन , एसी वॉल्वो अथवा हवाई सुविधा के साथ.साथ थ्री स्टार होटलों में ठहरने की व्यवस्था होगी। योजना में इसी तर्ज पर वृद्धाश्रमों एवं नारी सेवा सदनों के आवासियों को भी प्रति वर्ष 10 दिन की यात्र व ठहरने का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत बाल देखरेख संस्थानों को छोडने वाले सभी बच्चों के लिए 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद भी 21 वर्ष की आयु तक और अनाथ बच्चों के लिए 27 वर्ष की आयु तक वास्तविक दरों पर छात्रवास शुल्क और शिक्षण शुल्क प्रदान करने की व्यवस्था है। साथ ही अध्ययन अविध के दौरान बतौर छात्रवृत्ति प्रति माह प्रत्येक बच्चे को प्रदान की जाएगी।योजना के अंतर्गत पात्र आवासीए जो 18 वर्ष के आयु पूर्ण करने के बाद अपना स्टार्टअप आरंभ करने के लिए एकमुश्त दो लाख की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की आयु के बाद 27 वर्ष तक पश्चावर्ती देखभाल संस्थानों में आवासीय सुविधाओं के साथ-साथ भोजन, आश्रय और वस्त्र भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस योजना के तहत भूमिहीन अनाथ बच्चों को 27 वर्ष की आयु के बाद घर के निर्माण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 3 बिस्वा भूमि देने के साथ-साथ आवास निर्माण के लिए 3 लाख की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। योजना के तहत इन संस्थानों में रहने वाले सभी आवासियों को वस्त्र अनुदान के रूप में दस हजार रु पए की राशि प्रति वर्ष प्रदान की जाएगी ।संस्थान में रहने वाले व्यक्तियों की देख भाल्के लिए अतिरिक्त गृह माता अथवा पालक की नियुक्ति का भी योजना में प्रावधान किया गया है। योजना के तहत आवासी को वर्ष भर आने वाले त्यौहार को मनाने के लिए प्रति त्यौहार 500 रु पए की अनुदान राशि भी दी जाएगी। सनद रहे कि सरकार ने 101 करोड़ की लागत से इस योजना का कोष गठित किया है।

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