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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114हमीरपुर : जिलाभर में प्रात: चारों ओर कोहरा ही कोहरा नजर आ रहा था मानो जैसे की सफैद चादर बिछी हो। कोहरा पड़ने के साथ-साथ कड़ाके की ठंड भी पड़ रही है। जिससे प्रात: लोगों को घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। विशेषकर स्कूली छात्र व छात्रएं स्कूल जाते समय ठिठुरते हुए देखे गए और स्कूलों में छात्रों के लिए पड़ रही कड़ाके की ठंड के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिले में पड़ रही सूखे के कारण काफी लोग बीमार हो रहे हैं विशेषकर खांसी, गले में खराश, जुखाम तथा बुखार से पीड़ित हो रहे हैं और यही कारण है की अस्पताल व निजी अस्पतालों में रोगियों की संख्या दिनप्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
बुज़ुर्ग लोगों का कहना है कि काफी लंबे अरसे के बाद इस तरह की सर्दी देखने को मिल रही है। जिला में पड़ रहे सूखे के कारण किसान व बागबान परेशान हैं। वहीं मौसम विभाग के अनुसार अभी भी एक सप्ताह से अधिक समय तक बारिश न होने का अनुमान है। अगर मौसम की स्थिति ऐसी ही बनी रही तो किसानों की फसलें इस बार खराब हो सकती हैं। जिला के लगभग 35 हजार हेक्टेयर भूमि में करीब 76 हजार किसान खेतीबाड़ी का काम करते हैं। किसानों ने नवंबर माह से गेहूं की बिजाई कर रखी है, लेकिन जनवरी माह तक बारिश न होने से किसानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
बिना बारिश के किसानों की फसलें अब खराब शुरू हो गई हैं। अगर जनवरी माह में बारिश नहीं हुई, तो फसल का नुकसान 50 से 60 फीसदी से ऊपर तक पहुंचने की उम्मीद है। यही वजह है कि जिला के किसान धीरे-धीरे खेतीबाड़ी से मुंह मोड़ रहे हैं। अकसर देखने में आया है कि गेहूं फसल को जब बारिश की जरूरत होती है, तो उस समय बारिश नहीं होती है। ऊपर से यहां सिंचाई के साधन भी न के बराबर हैं। किसानों को हर बार गेहूं बीज व ट्रैक्टर बिजाई का खर्च तक करना पड़ता है।
किसानों की फसल हो रही खराब
कृषि विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक सुरेश धीमान ने कहा कि जिला में पिछले लंबे समय से बारिश नहीं हो पाई है। ऐसे में किसानों की गेहूं फसल खेतों में अब धीरे धीरे खराब होना शुरू हो गई है। लोहड़ी पर्व तक अगर बारिश न हुई, तो जिला की 30 फीसदी गेहूं फसल किसानों की क्षतिग्रस्त हो जाएगी। ऐसे में जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा है, वे सुबह-शाम गेहूं फसल की सिंचाई करते रहें, ताकि उनकी फसल खराब होने से बच सके।