ढालपुर में कुल्लू कार्निवल में दिखी देश-विदेश की संस्कृति, सांसद प्रतिभा सिंह ने भी मुख्य रूप से की शिरकत

कुल्लू (सृष्टि) : जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के अंतिम दिन कुल्लू कार्निवाल का आयोजन किया गया। इस कुल्लू कार्निवल में जहां जिला कुल्लू, प्रदेश व अन्य राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी अपनी संस्कृति का प्रदर्शन किया। तो वही विदेशी सांस्कृतिक दल भी इस कार्निवल में शामिल हुए। वही कुल्लू.

कुल्लू (सृष्टि) : जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के अंतिम दिन कुल्लू कार्निवाल का आयोजन किया गया। इस कुल्लू कार्निवल में जहां जिला कुल्लू, प्रदेश व अन्य राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी अपनी संस्कृति का प्रदर्शन किया। तो वही विदेशी सांस्कृतिक दल भी इस कार्निवल में शामिल हुए। वही कुल्लू कार्निवल में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया और मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद प्रतिभा सिंह भी विशेष रूप से शामिल हुए। यह कुल्लू कार्निवल ढालपुर के रथ मैदान से शुरू होते हुए माल रोड से गुजरा और हजारों लोगों ने इस कुल्लू कार्निवल में विभिन्न संस्कृतियों के भी दर्शन किए। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में पहली बार इस तरह के कुल्लू कार्निवाल का आयोजन किया गया। वहीं दशहरा उत्सव के दूसरे दिन भी कल्चर परेड का आयोजन किया गया था। ऐसे में अबकी बार अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में कई नई चीज भी लोगों को देखने को मिली। इस दौरान सभी कलाकार अपनी-अपनी पारंपरिक वेशभूषा में नाचते गाते हुए माल रोड से गुजरे और लोगों ने भी इस दृश्य को अपने केमरे में कैद किया।

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की बधाई देते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदा के बाद प्रदेश अब बिल्कुल ठीक हो गया है और अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का सफल तरीके से आयोजन किया गया। जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह और सीपीएस सुंदर ठाकुर बधाई के पात्र हैं। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव इस साल सही मायने में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया गया। क्योंकि यहां पर 15 विदेशी सांस्कृतिक दलों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इसके अलावा दशहरा उत्सव में कई ऐसी चीज थी जो पहली बार की गई। अब प्रदेश सरकार का यह प्रयास रहेगा कि अगली बार भी इस उत्सव को भव्य तरीके से मनाया जाए।

वहीं मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद प्रतिभा सिंह ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा से यह दशहरा उत्सव शुरू हुआ और अब यह समापन की ओर बढ़ रहा है। दशहरा उत्सव की शान घाटी के देवी देवता है और 300 से अधिक देवी देवताओं ने ढालपुर के मैदान में श्रद्धालुओं को दर्शन दिए हैं। ऐसे में देवी देवताओं के महाकुंभ के नाम से मशहूर अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में उन्होंने भी अस्थाई शिविरों में जाकर देवी देवताओं के दर्शन किए हैं और पूरे विश्व की में शांति की कामना भी की है। वहीं कुल्लू कार्निवल में केन्या से आया हुआ सांस्कृतिक दल में शामिल हुआ केन्या से आए कलाकार का कहना है कि यहां पर उन्हें विभिन्न राज्यों प्रदेशों की संस्कृति को जानने का मौका मिला है और उन्होंने भी कल्चर परेड व कुल्लू कार्निवल में हिस्सा लिया है। ऐसे में वह अगली बार भी यहां आना चाहेंगे और यहां की संस्कृति के बारे में भी जानकारी लेना चाहेंगे।

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