सूबे की सड़कों पर जल्द पैट्रोल पंपों की तर्ज पर नजर आएंगे E. Vehicle चार्जिग स्टेशन

शिमला : हिमाचल में हाईवे के किनारे जल्द ही पैट्रोल पंप की तर्ज पर ई.वाहन चार्जिंग स्टेशन नजर आएंगे। प्रदेश को 2025 तक कार्बन न्यूट्रल हरित राज्य बनाने की तरफ कदम बढ़ाते हुए सरकार ने नेशनल हाइवे के साथ साथ अन्य सड़कों के किनारे ई. वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने व इसके लिए एक मॉडल.

शिमला : हिमाचल में हाईवे के किनारे जल्द ही पैट्रोल पंप की तर्ज पर ई.वाहन चार्जिंग स्टेशन नजर आएंगे। प्रदेश को 2025 तक कार्बन न्यूट्रल हरित राज्य बनाने की तरफ कदम बढ़ाते हुए सरकार ने नेशनल हाइवे के साथ साथ अन्य सड़कों के किनारे ई. वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने व इसके लिए एक मॉडल तैयार करने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया है। ई. वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने में निजी क्षेत्र का सहयोग लिया जाएगा। इस बारे विकिसत किए जाने वाले मॉडल को केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित की जाएगी।

सरकार ने सोमवार को ई. वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने व इसके कार्य की मॉनिटरिंग के लिए परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। परिवहन विभाग के अतिरिक्त आयुक्त को कमेटी का सदस्य सचिव बनाया गया है। इसके अलावा परिवहन, उद्योग, खाद्य एवं आपूर्ति, शहरी विकास विभाग व ग्रामीण विकास विभाग तथा ऊर्जा विभाग के निदेशकों के साथ साथ बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक को कमेटी में बतौर सदस्य शामिल किया गया है। मॉनिटरिंग कमेटी ई. वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के मॉडल के साथ साथ इसे लेकर जिला मजिस्ट्रेटों व स्टेक होल्डर्स के साथ बातचीत कर सुधार की संभावनाओं को भी तलाशेगी। कमेटी का कार्य समयबद्ध होगा। कमेटी ई. वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने वाले निवेशकों के साथ भी तालमेल स्थापित करेगी।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते दिनों शिमला से 11 इलैक्ट्रिक वाहनों को हरीझंडी दिखा कर रवाना किया। इस मौके पर उन्होंने 2025 तक हिमाचल को हरित राज्य बनाने के सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने सभी विभागों में डीजल अथवा पैट्रोल से चलने वाले वाहनों को ई. वाहन में बदलने के साथ साथ शिमला में परिवहन निगम की 100 फीसद इलैक्ट्रिक बसों को चलाने की बात भी कही। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने परिवहन निगम में 300 डीजल बसों को इलेक्तिट्रक बसों में बदलने की बात कही। जाहिर है कि सरकार तेजी से प्रदेश को डीजल व पैट्रोल के बढ़ते खर्च व प्रदूषण से निजात दिला कर इलैक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढ़ रही है। मॉनिटरिंग कमेटी का गठन इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है।

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