समाजसेवी रविंद्र डोगरा के प्रयास लाए रंग, महिला को 25 वर्ष बाद मिलने लगेगी पेंशन

सूजानपुर (गौरव जैन) : जिले के प्रसिद्ध समाजसेवी रविन्द्र सिंह डोगरा ने एक बार फिर समाजसेवा की बड़ी मिसाल पेश करते हुए सुजानपुर विधानसभा की कक्कड़ पंचायत की विधवा कौशल्या देवी को उनके पति हवलदार स्व. दुनी चंद के स्वर्गवासी होने के 25 साल बाद फौज से पेशन बहाल करवा दी है। गौरतलब है कि.

सूजानपुर (गौरव जैन) : जिले के प्रसिद्ध समाजसेवी रविन्द्र सिंह डोगरा ने एक बार फिर समाजसेवा की बड़ी मिसाल पेश करते हुए सुजानपुर विधानसभा की कक्कड़ पंचायत की विधवा कौशल्या देवी को उनके पति हवलदार स्व. दुनी चंद के स्वर्गवासी होने के 25 साल बाद फौज से पेशन बहाल करवा दी है। गौरतलब है कि स्व. हवलदार दुनि चंद फौज की 105 इंन्फैट्री बटालियन में 1959 को बतौर सिपाही भर्ती हुए थे और उन्हें 1974 में 15 साल बाद जरूरत ना होने पर फौज ने उन्हें घर वापिस भेज दिया था। परंतु उस, समय फौज ने उन्हें कोई गुजारा भत्ता, पेंशन या पैसा इत्यादि कुछ नहीं दिया गया। इसके लिए इन परिवार ने कोशिश भी की लेकिन 1999 में दुनी चंद की मृत्यु हो गई और उनकी विधवा कौशल्या देवी तथा पुत्र सुनील कुमार ने फौज के कैप्टन व कर्नल जैसे बड़े-बड़े अफसरों को अपनी व्यथा सुनाई पर सभी ने यह कह कर मना कर दिया कि इस केस का कुछ नहीं हो सकता। 22 साल‌‌ धक्के खाने के बाद कौशल्या देवी और उनके परिवार के लोगों को स्थानीय लोगों ने इलाके के समाजसेवी रविन्द्र सिंह डोगरा के पास जाने की सलाह दी। जिसके बाद 2021 में कौशल्या देवी ने अपना केस रविन्द्र सिंह डोगरा को सौंप दिया और रविन्द्र सिंह डोगरा की तीन सालों की मेहनत के बलबूते कौशल्या देवी के पक्ष में पेंशन का फैसला आ गया है। लिखित पत्राचार के माध्यम से यह जानकारी उन्हें उपलब्ध करवाई गई है।

रविवार को कौशल्या देवी ने अपने बेटे सुनील और भाई पृथी सिंह के साथ डोगरा के कार्यालय पहुँच नम भरी आंखों से उनका आभार और धन्यवाद किया है। तथा आगामी कार्यावाही के लिए डोगरा द्वारा जो अन्य दस्तावेज मंगवाए गए थे उन्हें उनके हवाले किया। कौशल्या देवी और उनके बेटे सुनिल ने बताया कि फौज के बड़े बड़े अधिकारियों ने जिस काम को करने से इंकार कर दिया था और इलाके में भी सब लोगों ने मना किया। यहाँ तक की डोगरा के पास जाने के बाद कुछ लोगों ने मजाक तक बनाया। ऐसे जटिल केस को रविन्द्र सिंह डोगरा भी क्या कर लेगा लेकिन इस बेटे डोगरा ने 3 सालों में कड़ी मेहनत करके इस समस्य का हल करबा दिया। उन्होंने बताया कि समाज सेवी रविंद्र सिंह डोगरा द्वारा जो भी कार्रवाई पत्राचार उनके द्वारा किया गया पूरी तरह निशुल्क था इसके लिए उन्होंने उनसे किसी भी तरह के पैसे की डिमांड नहीं की।

उधर समाजसेवी रविंद्र सिंह डोगरा ने संबंधित विषय पर बताया कि 25 साल बाद विधवा को उनका हक दिलवाने में कामयाब हुए हैं। वह पिछले 3 सालों 2021-22-23 से लगातार विधवा के हकों के लिए लड़ रहे थे। आखिरकार फौज के अधिकारियों ने उनके द्वारा भेजे गए दस्तावेजों को सही माना और पीड़ित परिवार को पेंशन देने की सहमति दी है। उन्होंने बताया कि थलसेना के उच्च अधिकारियों ने इस मामले में देरी की तो उन्होंने रक्षा मंत्रालय जाकर इस मुद्दे को उठाया था। उसके बाद इस मामले में उनके द्वारा कार्यवाही करते हुए विधवा कौशल्या देवी को पेंशन के संदर्भ में पत्र भेजकर सूचित किया गया। रविन्द्र सिंह डोगरा ने बताया कि अब विधवा को केवल पेशन ही नहीं दुनि चंद की सेवानिवृत्ति 1974 से लेकर आज दिन 2023 तक 49 सालों का बकाया भी विधवा कौशल्या देवी को दिलवाया जायेगा।

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