शिमला: प्रदेश सरकार के तीसरे बजट में शहरी विकास के लिए कोई नए योजनाएं शामिल नहीं की गई लेकिन प्रदेश सरकार ने नव गठित शहरी निकायों में शामिल किए गए ग्रामीण क्षेत्रों में 3 वषों तक प्रॉपर्टी टैक्स में छूट की बड़ी राहत दी है। यही नहीं इन ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के रेट भी पहले के समान ही रहेंगे। यानी इन ग्रामीण क्षेत्रों पर तीन सालों तक प्रॉपर्टी टैक्स और पेयजल दरो का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। प्रदेश सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए शहरी विकास के क्षेत्र में कुल 656 करोड़ रुपए प्रस्तावित की है।
जिसके तहत नव गठित शहरी स्थानीय निकायों के विलय किए गए क्षेत्रों में बेहतर नागरिक सेवाएं जैसे सड़क, रास्ते, स्ट्रीट लाईट, सीवरेज, स्वच्छता, पार्क पार्किग आदि प्रदान करने के लिए राज्य सरकार 2025-2026 के दौरान कुल 10 करोड़ 75 लाख रुपए की विकासात्मक अनुदान की राशि जारी करेगी जिसमें नगर निगम हमीरपुर, ऊना और बद्दी के लिए प्रत्येक को एक करोड़, नगर परिषद नादौन, बैजनाथ.पपरोला और सुन्नी के लिए 25 लाख प्रत्येक और नवगठित 14 नगर पंचायतों कोटला, बंगाणा, बनीखेत, खुंडियां, नगरोटा सूरियां, झंडूता, बलद्वाड़ा, कुनिहार, धर्मपुर, सन्धोल, स्वारघाट,भोरंज, शिलाई व बरसरद्ध के लिए 50 लाख प्रत्येक के रूप में प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा सरकार वर्तमान विकास योजनाओं का पुनर्निरीक्षण तथा महत्वपूर्ण शहरी व पर्यटक क्षेत्रों में बिजनेस डिस्टिक्स जोन की स्थापना पर विचार करेगी। वहीं आने वाले साल में सरकार द्वारा शहरी स्थानीय निकायों के माध्यम से दी जा रही लगभग 44 सेवाएं को एसपीएमयू के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से अपयोग प्लेटफार्म पर लाया जाएगा।