Himachal सरकार ने रेणुका विकास बोर्ड का दर्जा घटाकर बनाया पिंडू बोर्ड : मेलाराम शर्मा

सिरमौर (गजेंद्र): सिरमौर जिला में उत्तरी भारत के प्रसिद्ध तीर्थ रेणुका जी के विकास के लिए सरकार द्वारा 10 महीनों के लंबे अंतराल के बाद गठित रेणुका विकास बोर्ड का स्तर घटाए जाने की अधिसूचना को सिरमौर जिला भाजपा प्रवक्ता मेलाराम शर्मा, जिला महासचिव बलवीर ठाकुर और जिला भाजपा युवा अध्यक्ष रणबीर ठाकुर ने दुर्भाग्यपूर्ण.

सिरमौर (गजेंद्र): सिरमौर जिला में उत्तरी भारत के प्रसिद्ध तीर्थ रेणुका जी के विकास के लिए सरकार द्वारा 10 महीनों के लंबे अंतराल के बाद गठित रेणुका विकास बोर्ड का स्तर घटाए जाने की अधिसूचना को सिरमौर जिला भाजपा प्रवक्ता मेलाराम शर्मा, जिला महासचिव बलवीर ठाकुर और जिला भाजपा युवा अध्यक्ष रणबीर ठाकुर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। यहां जारी प्रेस वक्तव्य में भाजपा ने बताया कि जारी अधिसूचना के अनुसार रेणुका विकास बोर्ड में ना तो सिरमौर के किसी विधायक और मंत्री को सदस्य मनोनीत किया गया है और ना ही रेणुका चुनाव क्षेत्र के अलावा जिले के किसी क्षेत्र से सदस्य मनोनीत किया गया है।

उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सुखू सरकार ने सिरमौर जिला के मंत्री और विधायकों की आपसी रंजिश के चलते रेणुका विकास बोर्ड का भट्टा बिठा दिया है और बोर्ड में मनोनीत 54 गैर सरकारी सदस्य केवल रेणुका चुनाव क्षेत्र से ही लिए गए हैं जबकि शिलाई, पच्छाद, नाहन और पांवटा साहब के लोगों को रेणुका विकास बोर्ड में कोई जगह नहीं दी गई। उन्होंने कहा की श्री रेणुका जी उत्तरी भारत का सुप्रसिद्ध तीर्थ है और यह तीर्थ समूचे जिला के इलावा उत्तरी भारत भर के लोगों की प्रगाढ़ आस्था का केंद्र है।

उन्होंने बताया की इस विख्यात तीर्थ के विकास के लिए गठित रेणुका विकास बोर्ड की गरिमा के अनुरूप पूरे जिले से प्रभावशाली सदस्य मनोनीत किए जाने चाहिए थे परंतु सरकार ने इस बोर्ड का स्तर घटकर इसे पिंडू बोर्ड बना दिया है। रेणुका चुनाव क्षेत्र के एक-एक गांव से बोर्ड के लिए तीन-तीन सदस्य मनोनीत किए गए हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान भाजपा सरकार ने सभी विधायकों के अतिरिक्त पांचो चुनाव क्षेत्रों से प्रभावशाली व्यक्तियों को बोर्ड के सदस्य मनोनीत करके इस बोर्ड के स्तर को बढ़ाया था परंतु वर्तमान सरकार ने इसका दर्ज घटकर बोर्ड की गरिमा को मिट्टी में मिला दिया है।

उन्होंने बताया कि यहां हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर का मेला भी लगता है और इस मेले के आयोजन के लिए रेणुका विकास बोर्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है परंतु स्तरहीन बोर्ड के गठन से यहां अंतरराष्ट्रीय रेणुका मेले का स्तर तो घटेगा ही, साथ में इस प्रसिद्ध तीर्थ के विकास में भी बाधाएं उत्पन्न होगी। उन्होंने राज्य सरकार से रेणुका विकास बोर्ड के गठन के लिए जारी अधिसूचना को संशोधित कर इसमें पांचो चुनाव क्षेत्रों के विधायकों सहित प्रभावशाली लोगों को शामिल करने का आग्रह किया है ताकि रेणुका विकास बोर्ड प्रभावी ढंग से इस तीर्थ के विकास के लिए कार्य कर सके।

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