शिमला: हिमाचल सरकार ने वर्ष 2016 से राज्य में आवंटित 231 खनन स्थलों को अंतिम नोटिस दिया है। राज्य में नीलामी के लिए कुल 232 स्थल थे। इनमें से यमुना नदी में केवल एक खनन पट्टे को ही एफसीए क्लीयरेंस, वन संरक्षण अधिनियम 1980 क्लीयरेंस प्राप्त हुआ था। शेष 231 मामलों में भारत सरकार द्वारा एफसीए मामलों को मंजूरी नहीं दी गई है। राज्य सरकार को इन 232 स्थलों से 103 करोड़ रुपये की आय होनी चाहिए, लेकिन आवंटन के बावजूद एफसीए क्लीयरेंस के अभाव में यह राजस्व नहीं आ रहा है।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा कि इन सभी खनन पट्टों को छह महीने का अंतिम नोटिस दिया गया है। उन्हें इन छह महीनों के भीतर एफसीए क्लीयरेंस प्राप्त करने के लिए कहा गया है, अन्यथा यह आवंटन रद्द कर दिया जाएगा और फिर से नीलामी की जाएगी। वर्ष 2016 से अब तक 232 साइटों के लिए आवंटन किया जा चुका है और इसके लिए राज्य सरकार ने 25 प्रतिशत राशि भी ली है। यदि अंतिम छह माह में एफसीआई क्लीयरेंस नहीं हुआ तो यह 25 प्रतिशत राशि भी जब्त कर ली जाएगी।
राज्य सरकार नई नीलामी करने से पहले प्रक्रिया में भी बदलाव करेगी। उद्योग मंत्री ने कहा कि छोटे पट्टे देने से क्लीयरेंस में भी दिक्कतें आ रही हैं, इसलिए विलय करके बड़े क्षेत्र पर कार्रवाई की जाएगी। उद्योग मंत्री ने कहा कि व्यास नदी में मनाली और कुल्लू में ड्रेजिंग का कार्य अब खनन विभाग या प्रशासन के बजाय वन निगम को दे दिया गया है। अब किसी भी तरह के खनन के लिए नीलामी वन निगम के माध्यम से ही होगी।गौरतलब है कि एनएचएआई के अनुरोध के बाद कुल्लू, मनाली के इस क्षेत्र में शुरू हुआ।
ड्रेजिंग कार्य किसी और दिशा में चला गया था। प्रदेश सरकार को भेजे पत्र में एनएचएआई ने यह भी कहा है कि ड्रेजिंग के नाम पर ब्यास नदी से जो सामग्री उठाई गई थी, वह उन स्थानों पर नहीं है, जहां उसे डालने को कहा गया था। इन सभी विवादों के बाद अब प्रदेश सरकार ने यह कार्य वन निगम को सौंप दिया है। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव होते हैं, वहां ईडी और आयकर विभाग के अधिकारी मेहमान की तरह आते हैं। इसी तरह प्रदेश में हुए तीन उपचुनावों के दौरान भी ईडी और आयकर अधिकारी आए।
सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का एजेंडा गैर भाजपा सरकार को अस्थिर करना रहा है, लेकिन भाजपा को यह मानकर चलना चाहिए कि तीनों उपचुनावों के परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आएंगे और सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायकों की संख्या 38 से बढ़कर 41 हो जाएगी। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा सुक्खू सरकार को लेकर उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री थे, मुख्यमंत्री हैं और भविष्य में भी सुक्खू मुख्यमंत्री ही रहेंगे।