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प्राथमिक पाठशाला Rampur में छात्रों की बढ़ी संख्या, अध्यापकों की चल रही कमी

रामपुर बुशहर (मीनाक्षी) : शिमला जिले के प्राथमिक पाठशाला रामपुर में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में यहां पर शिक्षकों की भारी कमी चल रही है। यहां पर 550 से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, लेकिन शिक्षक उनके पास 8 है। यहां पर नर्सरी से लेकर पांचवी कक्षा तक.

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रामपुर बुशहर (मीनाक्षी) : शिमला जिले के प्राथमिक पाठशाला रामपुर में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में यहां पर शिक्षकों की भारी कमी चल रही है। यहां पर 550 से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, लेकिन शिक्षक उनके पास 8 है। यहां पर नर्सरी से लेकर पांचवी कक्षा तक छात्रों की कक्षाएं लगती हैं। ऐसे में छात्रों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यहां पर गुणवत्ता के आधार पर छात्रों को शिक्षा दी जाती है। इसके साथ साथ इंग्लिश मीडियम के माध्यम से छात्रों को शिक्षा दी जा रही है। इसी कारण यहां पर छात्रों की संख्या में लगातार बढोत्तरी हो रही है, लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण अब परेशानी पेश आनी शुरू हो गई है।

वहीं अभिभावकों का कहना है कि हम अपने बच्चों को निजी स्कूलों में न डाल कर यहां पर सरकारी स्कूल में गांव से भी ला रहे हैं, लेकिन यहाँ पर यदि अध्यापक ही बच्चों को पढ़ाने के लिए न हो तो यह हद तक सही नहीं है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से शिक्षकों के खाली पढ़े पदों को भरने की मांग की है। जानकारी देते हुए मुख्यध्यापीका सरोज ने बताया कि उनके पास 550 से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। एक कक्षा के दो-दो सेक्शन बनाए गए है, लेकिन अध्यापकों की कमी के कारण छात्रों को पढ़ाने में दिक्कत पेश आ रही है।

उन्होंने बताया कि उनके पास उनके पास 8 अध्यापक मौजूद है, लेकिन उनमें से 6 अध्यापक ही पहली से पांचवीं कक्षा को पढ़ाते है। दो शिक्षक नर्सरी के छात्रों को पढ़ाते है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट क्लासेस के साथ इंग्लिश मीडियम के माध्यम से यहां पर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, जिस कारण लगातार छात्रों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी को मद्देनजर रखते हुए उन्हें अध्यापकों की आवश्यकता है। ऐसे में उन्होंने सरकार से आग्रह किया है, कि इस स्कूल में जल्द से जल्द अध्यापकों के खाली पदों को भरा जाए, ताकि छात्रों को गुणवत्ता के आधार पर शिक्षा मिल सके और छात्र सरकारी स्कूलों से निजी स्कूलों का भी रुक ना कर सके। वहीं बता दें की छात्रों की संख्या बढ़ते हुए, प्राथमिक पाठशाला के शिक्षकों की संख्या भी बढ़नी चाहिए। अधिक शिक्षक भर्ती करने से शिक्षा के स्तर में सुधार हो सकता है।

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