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Kinnaur को केबिनेट में 45 साल बाद मिली जगह, स्व. ठाकुर सेन नेगी के बाद Jagat Negi बने सुक्खू सरकार में मंत्री

शिमला : 45 साल बाद किन्नौर को हिमाचल मंत्रिमंडल में जगह मिली है। स्व. ठाकुर सेन नेगी के बाद मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले जगत सिंह नेगी किन्नौर के दूसरे विधायक हैं। जहां स्व. ठाकुर सेन नेगी हिमाचल विधान सभा के अध्यक्ष रहे, वहीं उनके बाद अब सुखविंद्र सरकार में मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले.

शिमला : 45 साल बाद किन्नौर को हिमाचल मंत्रिमंडल में जगह मिली है। स्व. ठाकुर सेन नेगी के बाद मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले जगत सिंह नेगी किन्नौर के दूसरे विधायक हैं। जहां स्व. ठाकुर सेन नेगी हिमाचल विधान सभा के अध्यक्ष रहे, वहीं उनके बाद अब सुखविंद्र सरकार में मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले जगत सिंह नेगी विधान सभा उपाध्यक्ष रह चुके हैं। सनद रहे कि जगत सिंह नेगी के पिता स्व. ज्ञान सिंह 1951 व 1962 में विधान सभा सदस्य रहे। किन्नौर हिमाचल का सीमांत जिला है।

जिला में एकमात्र विधान सभा सीट है। यूं तो किन्नौर सीट पर सालों तक भाजपा का दबदबा रहा। मगर तेज तर्रार कांग्रेस नेता जगत सिंह नेगी ने यहां भाजपा के वर्चस्व को तोड़ा है। जगत सिंह नेगी 2003, 2012, 2017 तथा 2022 में चौथी मर्तबा चुनाव जीते हैं। उनसे पहले उनके पिता स्व. ज्ञान सिंह कांग्रेस विधायक रहे। भाजपा नेता टीएस नेगी 1967, 1972, 77 तथा 1982 में विधायक रहे। 1977 में टीएस नेगी शांता सरकार में मंत्री बने थे। वह 1979 से 1984 तक विधान सभा अध्यक्ष भी रहे। स्व. टीएस नेगी के बाद बेशक यहां से भाजपा व कांग्रेस के कई नेता चुनाव जीते, मगर महज एक मर्तबा चेत राम नेगी प्रो. धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में संसदीय सचिव बने थे।

सुखविंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बने जगत सिंह नेगी 2012 से 2017 तक कांग्रेस सरकार में विधान सभा उपाध्यक्ष रहे। अब 45 साल बाद किन्नौर से जगत सिंह नेगी को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। उनके मंत्री बनने से लोगों को विकास की उम्मीद है। खासतौर पर जिला में सड़कों के साथ साथ अन्य दिक्कतों के समाधान की उम्मीद लोग पाले हैं। साथ ही किन्नौर जिला में लोग बड़े पैमाने पर पावर प्रोजेक्टों का विरोध कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले पावर प्रोजेक्टों का विरोध कर रहे लोगों ने उनकी मांग को मानने वाले उम्मीदवार का साथ देने की बात कही थी। अब देखना यह है कि काबिना मंत्री पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे का समाधान किस तरह तलाशते हैं।

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