शिमला: सरकारें चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे तो करती है, लेकिन जब सता में आती है तो वादे भूल जाती है। चाहे सरकार कांग्रेस की हो या भाजपा की दोनों के यही हाल है। चुनाव के दिनों में राजनीतिक दल वोट बटोरने के लिए हर गांव में बिजली, पानी और सड़क सुविधा के वादे तो करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद ये वादे और जनता दोनों को ही राजनीतिक दल भूल जाते हैं। ऐसा ही एक मामला मंडी जिले के करसोग विधानसभा क्षेत्र से भी सामने आया है। यहां की ग्राम पंचायत बगशाड़ के डुमनो गांव में आजादी के 78 साल बाद भी लोग सड़क जैसी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं। यहां पर 2 किलोमीटर सड़क की आवश्यकता है, जो आज दिन तक नहीं बनाई गई।
जिससे लोगों को आए दिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डुमनो गांव से मरीज को पालकी पर बैठाकर 1 घंटे आवाजाही करनी पड़ रही है। बिना सड़क सुविधा के ऐसा करने के लिए ग्रामीण मजबूर हैं। ताजा मामला हाल ही में सामने आया जब डुमनो गांव के पन्ना लाल शर्मा को स्वास्थ्य जांच के लिए ग्रामीण ने पालकी में बैठाकर लगभग दो किलोमीटर दूर चामो नाला तक पहुंचाया। जहां से आगे वे गाड़ी से करसोग अस्पताल तक पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क के लिए वे कई बार सरकार व विभाग से मांग कर चुके हैं, लेकिन आज दिन तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हो पाई है। स्थानीय निवासी आचार्य कृष्ण लाल शर्मा ने बताया कि पंचायत से भी एम्बुलेंस रोड का प्रस्ताव डाला गया है, लेकिन अभी तक सड़क नसीब नहीं हो पाई है।
उन्होंने बताया कि गांव से बुजुगोर्ं एवं बीमार लोगों को इसी तरह मुख्य सड़क तक पालकी में उठाकर पहुंचाना पड़ता है । उन्होनें पंचायत प्रतिनिधियों, लोक निर्माण विभाग एवं प्रदेश सरकार से डुमनो गांव में एंबुलेंस रोड पहुंचाने की मांग की है, ताकि डुमनो गांव सड़क जैसी मुलभुत सुविधा से जुड़ सके। इस बारे में लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता सुरेश कुमार ने ग्रामीणों से आग्रह किया कि लोग पूरी जानकारी लिखित में उनके कार्यालय तक पहुंचाए, ताकि सड़क निर्माण की आगामी औपचारिकताएं अमल में लाई जा सके। वहीं एसडीएम करसोग गौरव महाजन ने कहा कि इस मामले पर जानकारी मांगी जा रही है, जो भी तथ्य आएंगे उसके बारे में संबंधित विभाग को दिशानिर्देश दिए जाएंगे।