नोफल संस्था ने बुजुर्गों और विकलांगों के लिए शुरू की 24 घंटे फ्री Ambulance सेवा, इस नंबर पर करें संपर्क

शिमला : सामाजिक कार्यो में बेहतरीन काम वाली नोफल वैल्फेयर एंड चैरिटेबल सोसायटी शिमला शहर में गरीब व जरूरतमंद लोगों के लिए सहारा बनी हुई है। राजधानी के आईजीएमसी अस्पताल में सोसायटी की तरफ बुजुर्गो और विकलांगों के लिए 24 घंटे फ्री एंबुलैंस सेवा शुरू की गई है। संस्था के अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने बताया.

शिमला : सामाजिक कार्यो में बेहतरीन काम वाली नोफल वैल्फेयर एंड चैरिटेबल सोसायटी शिमला शहर में गरीब व जरूरतमंद लोगों के लिए सहारा बनी हुई है। राजधानी के आईजीएमसी अस्पताल में सोसायटी की तरफ बुजुर्गो और विकलांगों के लिए 24 घंटे फ्री एंबुलैंस सेवा शुरू की गई है। संस्था के अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने बताया कि विकलांगों और बुजुर्गो के लिए फ्री एंबुलैंस सेवा शुरू की है। यह सेवा बुजुर्गो और विकलांग लोगों के लिए शुरू की गई है। यह बिल्कुल नि:शुल्क सेवा है। वहीं संस्था गरीब परिवारों की सहायता के लिए आने वाले समय में अन्य कार्य भी करेगी। अगर किसी भी बुजुर्ग और विकलांग को एंबुलैंस की जरूरत हो तो 9805007888 पर संपर्क कर सकते हैं।

संस्था कई दर्जन लोगों की सहायता कर चुकी

पछले 6 सालों से नोफल संस्था आगजनी की घटना से प्रभावित परिवारों की निरंतर सेवा कर रही है। संस्था की ओर से अभी तक कई दर्जन लोगों की सहायता कर चुकी हैं।

आगजनी से प्रभावित परिवारों की कर रही सेवा

पिछले 5 सालों से नोफल संस्था आगजनी की घटना से प्रभावित परिवारों की निरंतर सेवा कर रही है। संस्था की और से अभी तक कई दर्जन लोगों की सहायता कर चुका है। वहीं संस्था कई गरीब परिवारों के बच्चों की पढ़ाई का भी पूरा खर्चा उठाती है।

डीडीयू और पीजीआई में संस्था लगाती है लंगर सेवा

सामाजिक संस्था के साथ हजारों लोग जुड़े हुए हैं, जो अपनी कमाई का 10वां हिस्सा देते हैं, जिससे गरीब लोगों और जरूरत मंदों की सहायता की जाती है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान संस्था ने जरूरतमंदों की सेवा के लिए लंगर और राशन वितरित किया है, जिसमें रिज पर घोड़ों से अपनी रोजी रोटी कमाने वालों की सहायता की है।

बच्चों की पढ़ाई का खर्चा भी उठाती है संस्था

जिन बच्चों के घर में कोई कमाने वाला नहीं होता संस्था गरीब बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्चा भी उठा रही है। वहीं गरीब महिलाओं को सिलाई मशीनें उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद की जाती है। इसके अलावा शहर में जो बुजुर्ग लोग अपने बच्चों से अलग रह रहे हैं, उन लोगों को भी जरूरी सामान, दवाइयां व खाना दिया जा रहा है। संस्था द्वारा इनकी निरंतर देखरेख की जा रही है।

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