फाग मेले का तीसरा दिन, देवी-देवता देवलुओं के साथ खुब नाचते हुए आए नजर

रामपुर बुशहर (मीनाक्षी) : रामपुर बुशहर में फाग मेले के तीसरे दिन देवी-देवता भी देवलुओं के साथ खुब नाचते हुए नजर आए। अधिकतर लोगों ने देवलुओं को ही नाचते हुए देखा होगा, लेकिन फाग मेले में देवी-देवता भी खुब नाचते हुए नजर आते हैं। ऐसे ही फाग मेले के तीसरे दिन जब सुब 11 बजे.

रामपुर बुशहर (मीनाक्षी) : रामपुर बुशहर में फाग मेले के तीसरे दिन देवी-देवता भी देवलुओं के साथ खुब नाचते हुए नजर आए। अधिकतर लोगों ने देवलुओं को ही नाचते हुए देखा होगा, लेकिन फाग मेले में देवी-देवता भी खुब नाचते हुए नजर आते हैं। ऐसे ही फाग मेले के तीसरे दिन जब सुब 11 बजे के करीब बाजार से होकर देवताओं का आगमन शुरू हुआ तो देवलु वाध्य यंत्रों की थाप पर खुब नाचे। वहीं, देवी-देवता भी नाचते हुए नजर आए। बता दें की यह एतिहासिक व पारम्परिक मेला है।

शिमला जिला के रामपुर बुशहर में मनाए जाने वाला फाग मेला जहां सांस्कृतिक परंपरा एवं देव आस्थाओं को दर्शाता है, वहीं आपसी मेलजोल और मनोरंजन का भी एक साधन है। मेले में देव वाद्य यंत्रों की धुनों में देव मिलन और नृत्य आकर्षण का केंद्र रहता है। पुराने समय में आसपास के इलाकों का यही एक प्रमुख मेला रहता था। जहां लोग अपने देवी-देवताओं को लेकर मनोरंजन के साथ सगे सम्बन्धियों से मिलते थे। विकट परिस्थितियों के चलते सर्दियों में लोग बर्फबारी के कारण ना तो घरों से निकल पाते थे और ना ही उत्सव मना पाते थे। इसलिए बसंत आते ही लोग होली के दूसरे दिन से फाग मेला मनाने रामपुर बुशहर पहुंचे थे।

फाग मेले में आसपास के इलाकों के सभी देवता लाए जाते थे। लोग भी सभी देवी-देवता एक स्थान पर होने के कारण सुख समृद्धि और खुशहाली के लिए भेट चढ़ा कर मन्नतें मांगते है। इस के साथ-साथ सभी रिश्तेदारों से यहां मुलाकात कर उन हाल जानते थे। अब भी उस पुरानी परम्परा को यथावत रखने में देव संस्कृति सशक्त भूमिका निभा रहा
है।

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