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शानन पावरहाउस में पेंशनरों का हंगामेदार प्रदर्शन, 25 सितंबर को पटियाला में बड़े आंदोलन की चेतावनी

जोगिंदर नगर: शानन पावरहाउस परिसर में पेंशनर एसोसिएशन मंडल ने सोमवार को पंजाब सरकार और पंजाब राज्य विद्युत परिषद के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन पेंशनरों की लम्बे समय से लंबित मांगों को लेकर किया गया, जिसमें एसोसिएशन के सदस्यों ने सरकार और विद्युत परिषद से अपनी समस्याओं का समाधान करने की मांग की। प्रदर्शन अधिक्षक अभियंता के कार्यालय के बाहर हुआ, जहाँ पेंशनरों ने नारेबाजी करते हुए अपनी नाराजगी प्रकट की। प्रदर्शन का नेतृत्व मंडल के प्रधान रमेश कुमार ने किया, जिनके साथ दुनी चंद, अनिल कुमार सूद, अमर सिंह, रवि कुमार और तकनीकी सेवा यूनियन के प्रधान कुलदीप चौहान भी मौजूद थे। सभी वक्ताओं ने अपनी-अपनी बारी में पेंशनरों की लंबित मांगों पर प्रकाश डाला और सरकार की अनदेखी पर रोष व्यक्त किया।

मुख्य मांगें:
वक्ताओं ने बताया कि पेंशनरों की मुख्य मांगों में डीए (महंगाई भत्ता) की अदायगी को लेकर पंजाब सरकार का टालमटोल रवैया शामिल है। इसके अलावा, 2016 से संशोधित वेतनमान के एरियर की अदायगी की मांग भी प्रमुख है, जिसे अब तक लागू नहीं किया गया है। 2015 से पहले सेवानिवृत्त हुए पेंशनरों की प्रोफिक्येसी दर 2.45 की जगह 2.59 करने की भी मांग उठाई गई है। इसके साथ ही, पेंशनरों के लिए मेडिकल भत्ते को 2000 रुपये तक बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, ताकि वे अपने स्वास्थ्य संबंधी खर्चों को आसानी से पूरा कर सकें। कैशलेस मेडिकल योजना लागू करने की भी मांग की गई, जिससे पेंशनरों को चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने में सहूलियत हो सके।

आंदोलन की चेतावनी:
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो 25 सितंबर को पटियाला स्थित पंजाब राज्य विद्युत बोर्ड के मुख्यालय में बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। मंडल प्रधान रमेश कुमार ने कहा कि पेंशनरों की जायज मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार और विद्युत परिषद ने जल्द ही सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

समर्थन जुटाने की तैयारी:
प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की कि वे अपने आंदोलन को और मजबूत बनाने के लिए अन्य संगठनों का भी समर्थन जुटाएंगे। पेंशनर एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि उनकी लड़ाई केवल उनके अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि उन सभी पेंशनरों के लिए है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। इस प्रदर्शन में सैकड़ों पेंशनरों ने भाग लिया और अपने गुस्से का इजहार करते हुए सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की।

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