सिरमौर में 66 पीड़ितों को 76.20 लाख की राहत राशि वितरित : Sumit Khimta

अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत सिरमौर जिला में बीते साढ़े तीन सालों के दौरान 55 मामलों

नाहन: अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत सिरमौर जिला में बीते साढ़े तीन सालों के दौरान 55 मामलों के 66 पीड़ितों को 76.20 लाख रुपये की राहत राशि वितरित की गई है। यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा ने मंगलवार को आयोजित जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत वर्ष 2021 से 31 मई, 2024 तक कुल 59 मामले प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 33 मामले न्यायालय में लंबित हैं तथा 10 का निपटारा हो चुका है।

उन्होंने कहा कि अधिनियम के अनुरूप पिछले तीन माह के दौरान आठ लाख रुपये की राहत राशि सात पीड़ितों के पक्ष में जारी की गई है। उन्होंने पुलिस को विभिन्न थानों में पंजीकृत होने वाले अत्याचार के मामलों की मासिक रिपोर्ट के साथ एफ.आई.आर. तथा मेडिकल की रिपोर्ट भी जिला कल्याण अधिकारी को सौंपने को कहा । इसके उपरांत उपायुक्त ने अल्पसंख्यकों के लिये प्रधानमंत्री नवीन 15 सूत्रीय कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिला सिरमौर की कुल जनसंख्या 5 लाख 29 हजार 855 है जिसमें अल्पसंख्यक वर्ग की कुल जनसंख्या 53 हजार 25 है, जो कि कुल जनसंख्या का लगभग 10.01 प्रतिशत है।

बैठक में गुज्जर समुदाय हेतु चलाए जा रहे विद्यालय के प्रशिक्षकों के मानदेय में वृद्धि की मांग को जिला परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा अभियान को नियमानुसार उच्च अधिकारियों को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए। उपायुक्त ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में अभी तक 98 लाभार्थियों को 4 करोड़ 98 लाख 30 हजार रुपये की राशि की सरल ऋण सहायता प्रदान की जा चुकी है व जिला में अब तक कुल 1508 लाभार्थियों को 40 करोड़ 15 लाख 27 हजार 154 की राशि सरल ऋण के रूप में प्रदान की जा चुकी है।

इसके पश्चात उपायुक्त द्वारा मैनुअल स्कैवेंजर्स अधिनियम 2013 के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समिति एवं सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की अनुपालना में गठित जिला स्तरीय सर्वेक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिला सिरमौर में नगर पालिका परिषद, नोटिफाइड एरिया कमेटी व समस्त ग्राम पंचायतों के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्रों में अस्वच्छ शौचालयों का सर्वेक्षण करवाया गया। सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होने के उपरांत जिला में कोई भी अस्वच्छ शौचालय तथा कोई भी मैनुअल स्कैवेंजर्स नहीं पाया गया। उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर मैनुअल स्कैवेंजर्स मुक्त जिला बन चुका है ।

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