ऑर्गेनिक तरीके से खेती और सेब पैदा कर रहे रोहड़ू के बागवान, राजपाल और सुभाष कमा रहे है लाखों

रोहड़ू : रोहड़ू उपमंडल के सैंजी गांव के राजपाल गेजटा व रोहड़ू के रहने सुभाष शादरू जहां सब्जी, मटर आलू समेत सेब फल ऑर्गेनिक तरीके से पैदा करते हैं, वहीं राजपाल व शादरू ने गाय के गोबर व गौमुत्र से कई प्रकार की दवाईया व उर्वक बनाते हैं। ऑर्गेनिक तरीके से खेती करने से उनकी.

रोहड़ू : रोहड़ू उपमंडल के सैंजी गांव के राजपाल गेजटा व रोहड़ू के रहने सुभाष शादरू जहां सब्जी, मटर आलू समेत सेब फल ऑर्गेनिक तरीके से पैदा करते हैं, वहीं राजपाल व शादरू ने गाय के गोबर व गौमुत्र से कई प्रकार की दवाईया व उर्वक बनाते हैं। ऑर्गेनिक तरीके से खेती करने से उनकी आमदानी में लाखों की बढ़ोतरी हुई है साथ-साथ क्वालटी सेब पैदा कर रहे हैं। इन बागवानों का पूरा परिवार उनका इस काम में सहयोग करता है।

महंगी दवाईयां के कारण बागवान राजपाल गेजटा व सुभाष शादरू ऑर्गेनिक खेती की तरफ प्रेरित हुए। इसके बाद उन्होंने अपने गांव आकर गाय पाली व ऑर्गेनिक खेती करने लगे हैं। उनकी इस लगन को देखकर आज क्षेत्रवासी उनके बागीचे में आकर इस तकनीक को सिखने लगे हैं। आज वे क्षेत्रवासियों के लिए वे एक मिसाल बन गए हैं। बागवान राजपाल गेजटा व सुभाष शादरू ने अपने बागीचे में गाय के गौमुत्र, गोवर से जीवी अमृत, अग्नि अस्त्र व धनजिवा अमृत बनाते हैं। इसमे वे कई ऑर्गेनिक चीजे जैसे कीगुड़स बैसन आदि मिलाकर वे बागवानी व खेती के लिए इस्तमाल कर रहे हैं। जब से उन्होंने ऑर्गेनिक खेती को अपनाया है, तब से सेब व उन्य फसले सोना उगा रही है।

उनके बागीचों में पौधों की लाईफ भड़ गई है साथ-साथ क्वाल्टी फल पैदा हो रहा है। जहां गांव व इलाके में रसायनिक खेती करने वालों के बागीचे समय से पहले दम तोड़ रहे हैं, वहीं शादरू के बागीचे लगातार फल रहे हैं व किसी प्रकार का कोई रोग सेब बागीचे नजर नहीं आता। राजपाल घेजटा व सुभाष शादरू अपने बागीचों की सुऱक्षा व ग्रोथ के लिए पिछले करीब दस वर्षो से जीवी अमृत, अग्नि अस्त्र व धनजिवा अमृत का प्रयोग कर रहे जिससे उनकी जमीन की उर्वकता बड़ रही व क्वाल्टी सेब व अन्य फसले पैदा कर रहे हैं।

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