धर्मशाला (धनंजय शर्मा) : अदालती आदेशों के बाद वरिष्ठता सूची में संशोधन की प्रतीक्षा कर रहे हिमाचल के हजारों अनुबंध कर्मचारियों का इंतजार अभी और बढ़ेगा। प्रदेश की वित्तीय स्थिति के मद्देनजर सरकार ने हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक 2024 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पेश किया है।
विधानसभा में शीतकालीन सत्न के पहले दिन बुधवार को मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसे सदन में पेश किया। इस विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक अनुबंध अथवा संविदा पर तैनात कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके नियमति होने के बाद तय होगी। संविदा कर्मचारियों की वरिष्ठता को लेकर आए विभिन्न अदालती आदेशों के बाद खजाने पर करोड़ों रु पए का बोझ पड़ने का अंदेशा जताया जा रहा था।
साथ ही इन आदेशों के बाद सरकार को कर्मियों की वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना पड़ना था। राजकोष पर बढ़ते दबाव के साथ-साथ वरिष्ठता सूची में संशोधन की लंबी कसरत पर खर्च होने वाले ह्यूमन रिसोर्स से बचने के मकसद से सरकार ने कानून बनाने का निर्णय लिया।
प्रस्तावित कानून के प्रावधानों के मुताबिक अब संविदा पर तैनात कर्मचारी इसके मुताबिक ही नियमति और वरिष्ठता का लाभ ले सकेंगे। कानून के प्रावधानों के मुताबिक राज्य में 21 साल से अनुबंध कर्मचारियों की भर्ती जारी है। अनुबंध पर कर्मचारियों की नियुक्ति के वक्त इनके साथ बाकायदा करार किया जाता है।
करार की शर्तों के मुताबिक ही ये नियमति और वरिष्ठता का लाभ ले सकते हैं। मगर अदालती आदेशों के बाद इन कर्मचारियों को वरिष्ठता का लाभ देने की स्थिति में कई कर्मचारी प्रभावित होंगे। लिहाजा सरकार ने संविदा कर्मचारियों के मामले में नए सेवा शर्तों को लेकर विधेयक को शीतकालीन सत्न में पेश किया। चर्चा के बाद यह विधेयक में पारित होगा।