Kullu के वेद राम बना रहे पारंपरिक तरीके से वाद्य यंत्र, Himachal की लोक संस्कृति की दिख रही खूबसूरत झलक

कुल्लू (सृष्टि) : हिमाचल की संस्कृति में हस्त कला का बेहद महत्व रहता है। चाहे हिमाचल के पारंपरिक परिधान हो या देवनीति में इस्तेमाल होने वाले वाद्य यंत्र भी यहां पारंपरिक तरीके से बनाए जाते है। आधुनिकता के युग में भी कुल्लू के रहने वाले वेद राम इस कला को संजोए हुए है। वेद राम.

कुल्लू (सृष्टि) : हिमाचल की संस्कृति में हस्त कला का बेहद महत्व रहता है। चाहे हिमाचल के पारंपरिक परिधान हो या देवनीति में इस्तेमाल होने वाले वाद्य यंत्र भी यहां पारंपरिक तरीके से बनाए जाते है। आधुनिकता के युग में भी कुल्लू के रहने वाले वेद राम इस कला को संजोए हुए है। वेद राम ने बताया की उनका परिवार पिछली कई पीढ़ियों से उनका परिवार इस कला को संजोए हुए है।

उन्होंने बताया की इन वस्तुओं को बनाने में उन्हे कई दिनों का समय लगता है और देव परंपराओं का निर्वाहन करने में इन वाद्य यंत्रों का उपयोग किया जाता है। वेद राम ने बताया की आधुनिकता के युग में अब ये कला लुप्त होती जा रही है। और लोग आधुनिक मशीनों का उपयोग करके अब इन सामानों का निर्माण करने लगे है। वेद राम ने बताया की उनके बनाए हुए कई मोहरे और नरसिंघा आजकल लोग घरों में सजावट के लिए भी इस्तेमाल करते है।

- विज्ञापन -

Latest News