हमीरपुर/ऊना: राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने मंगलवार को सदन में जल संकट की बदतर होती वैश्विक समस्या का मामला उठाया। उन्होंने जल शक्ति मंत्री से पूछा कि क्या सरकार के संज्ञान में यह बात आई है कि केंद्रीय जल आयोग (सीडब्लयूसी) द्वारा दी गई सूचना के अनुसार हिमाचल प्रदेश राज्य में प्रमुख जलाशयों के जल स्तर में पिछले वर्ष की तुलना में सामान्य भंडारण स्तर से गिरावट आई है? क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि हिमाचल प्रदेश राज्य के अधिकांश जिलों में वर्षा की भारी कमी और सूखे जैसे हालात देखे गए हैं, जिसके कारण सिंचाई या विद्युत उत्पादन परियोजनाओं के लिए जल भंडारण कम हो गया है और इससे पेयजल की उपलब्धता भी प्रभावित होगी और सरकार द्वारा राज्य में इन समस्याओं को कम करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
जल शक्ति मंत्री राज भूषण चौधरी ने बताया कि केंद्रीय जल आयोग देश के 155 महत्वपूर्ण जलाशयों की लाइव स्टोरेज स्थिति की निगरानी करता है और हर वीरवार को साप्ताहिक बुलेटिन जारी करता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जल आयोग द्वारा निगरानी किए जाने वाले 155 जलाशयों में से 3 जलाशय हिमाचल प्रदेश राज्य से है जिनकी कुल लाइव स्टोरेज क्षमता 12.475 बिलियन क्यूबिक मीटर है। 13 मार्च 2025 के जलाशय भंडारण बुलेटिन के अनुसार, इन जलाशयों में उपलब्ध कुल लाइव स्टोरेज 2.624 बीसीएम है।
पिछले वर्ष की इसी अविध के दौरान लाइव स्टोरेज 3.994 बीसीएम था और इसी अविध के दौरान सामान्य जल संग्रहण (पिछले 10 वर्षों का औसत) 3.937 बीसीएम था। इस दौरान हिमाचल प्रदेश के 3 प्रमुख जलाशयों में जल भंडारण की स्थिति सामान्य से 33 प्रतिशत भिन्न है जिसके कारण जल विद्युत उत्पादन और सिंचाई लाभ में संभावित कमी हो सकती है। उन्होनें बताया कि राज्य में कम बारिश और बर्फबारी के कारण केंद्रीय जल आयोग ने हिमाचल प्रदेश राज्य को एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें राज्य सरकार से जलाशयो में कम भंडारण जल उपलब्धता की चुनौती से निपटने के लिए उपाय करने का आग्रह किया गया है।