3-4 माह में शुरू होगा Kangra Airport के विस्तारीकरण का काम, सर्वे होते ही लैंड एक्वायर करने की प्रक्रिया हो जाएगी शुरू

धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा एयरपोर्ट((गगल) विस्तारीकरण का वर्षों से लटका मामला अब सुलझता हुआ दिखाई देने लगा है। कांगड़ा एयरपोर्ट अथॉरिटी के अनुसार आगामी तीन-चार माह में इसके विस्तारीकरण का कार्य शुरू हो जाएगा। इसके लिए सिविल एविएशन ने कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए टेक्नो-इकोनॉमिक फिजिबिलिटी स्टडी का जिम्मा वाप्कोस लिमिटेड कम्पनी को.

धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा एयरपोर्ट((गगल) विस्तारीकरण का वर्षों से लटका मामला अब सुलझता हुआ दिखाई देने लगा है। कांगड़ा एयरपोर्ट अथॉरिटी के अनुसार आगामी तीन-चार माह में इसके विस्तारीकरण का कार्य शुरू हो जाएगा। इसके लिए सिविल एविएशन ने कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए टेक्नो-इकोनॉमिक फिजिबिलिटी स्टडी का जिम्मा वाप्कोस लिमिटेड कम्पनी को सौंपा है और सोशल इम्पैक्ट अस्सेस्मेंट का जिम्मा हिमाचल प्रदेश इंस्टिट्यूट ऑफ़ पिब्लक एडमिनिस्ट्रेशन को सौंपा है। इन दिनों दोनों एजेंसियों के सर्वे चल रहे हैं। इसके बाद वाप्कोस कंपनी राडार और जियो टेक्निकल सर्वे करेगी। जैसे ही यह एजेंसियां अपनी रिपोर्ट प्रशसन को सौंपेंगी बैसे ही लैंड एक्वायर करने की प्रक्रि या शुरू होगी। रनवे लंबा करने के लिए 339 से ज्यादा मकान टूटेंगे। इसके साथ ही इसका कॉन्सेप्ट पेपर तैयार होगा। रनवे की लंबाई बढ़ाई जाएगी, ताकि बड़े जहाज भी यहां उतर सके।

41 हेक्टेयर भूमि किया जाएगा अधिग्रहण

कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए 41 हेक्टेयर से अधिक निजी व सरकारी भूमि का उपयोग किया जाएगा। जिला प्रशासन ने कांगड़ा और शाहपुर उपमंडल में इस भूमि को चिह्नित किया है। इसके अलावा कांगड़ा, शाहपुर व धर्मशाला उपमंडल के लोक निर्माण विभाग ने कुल 339 भवन भी चिह्नित किए हैं। अकेले कांगड़ा सब डिवीजन से 35 हेक्टेयर भूमि इसके दायरे में आई है। एयरपोर्ट के विस्तार में पीडब्ल्यूडी ने 339 भवनों में से सबसे ज्यादा कांगड़ा में चिह्नित किए हैं। कांगड़ा से 177 भवन एयरपोर्ट के दायरे में आए हैं। धर्मशाला के 155 व शाहपुर से सिर्फ 7 भवन इसके दायरे में आए हैं। कांगड़ा सब डिवीजन में 23 हेक्टेयर चिह्नित भूमि प्राइवेट है। इसी तरह शाहपुर में 6.39 में से 2.44 हेक्टेयर भूमि प्राइवेट लैंड है। वर्तमान सिर्कल रेट के हिसाब से इस भूमि का मुआवजा 223 करोड़ बनता है। वाप्कोस लिमिटेड के अर्बन एंड रीजनल प्लानर उज्ज्वल शर्मा ने बताया कि टेक्नो-इकोनॉमिक फिजिबिलिटी स्टडी का कार्य प्रगति पर है। अभी राडार और जियो टेक्निकल सर्वे किया जाना है, उसके बाद ही रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

रनवे 1372 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा होगा

मौजूदा समय में कांगड़ा एयरपोर्ट समुद्र तल से 2492 फीट की ऊंचाई पर 1269 एकड़ में फैला हुआ है। कांगड़ा एयरपोर्ट का रनवे 1372 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा है। यहां 2 बड़े जहाजों को पार्क करने की व्यवस्था है। अभी 1372 मीटर के रनवे पर 72 सीटर एआरटी ऑपरेट हो पाते हैं। अगर रनवे 2050 मीटर का हो गया तो यहां से एयर बस 320 जहाज ऑपरेट हो सकेगा। इसमें 167 पैसेंजर बैठ सकेंगे। विस्तारीकरण के बाद इसे बढ़ाकर 2050 मीटर किया जाएगा। एयरपोर्ट के साथ 100 एकड़ सरकारी भूमि है। विस्तारीकरण के लिए 41 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। विस्तारीकरण के दौरान मांझी पुल से आगे पठानकोट-मंडी फोरलेन में भी थोड़ा बहुत बदलाव (डायवर्ट) किया जाएगा।

बड़े जहाज लैंड करने से बढ़ेगी पर्यटकों की आमद

बड़े जहाज लैंड करने से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और रोजगार के साधन भी सृजित होंगे। इससे प्रदेश के कई बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकेंगे। इसके अलावा टैक्सी ऑपरेटरों को भी हवाई अड्डे के विस्तार से फायदा होगा। उन्हें सवारियों के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। कांगड़ा घाटी में कई पर्यटक स्थल हैं, पर कई बार हवाई सेवा न होने के चलते पर्यटक यहां नहीं पहुंच पाते हैं।

कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए टेक्नो-इकोनॉमिक फिजिबिलिटी स्टडी का जिम्मा वाप्कोस लिमिटेड कम्पनी को सौंपा है और सोशल इम्पैक्ट अस्सेस्मेंट का जिम्मा हिमाचल प्रदेश इंस्टिट्यूट ऑफ़ पिब्लक एडमिनिस्ट्रेशन को सौंपा है। वाप्कोस कंपनी राडार और जियो टेक्निकल सर्वे करेगी। जैसे ही यह एजेंसियां अपनी रिपोर्ट प्रशसन को सौंपेंगी वैसे ही लैंड एक्वायर करने की प्रक्रि या शुरू होगी। – डॉ. निपुण जिंदल,उपायुक्त कांगड़ा

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