नयी दिल्लीः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा कि उन्होंने जी20 देशों के अपने समकक्षों को अवगत करा दिया है कि भारत किसी भी रूप में आतंकवाद या आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन नहीं करता है। बिरला ने शनिवार को यहां संपन्न जी20 संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन (पी20) के दौरान जी20 देशों के संसदीय अध्यक्षों के साथ हुई द्विपक्षीय बैठकों को लेकर सवालों के जवाब में कहा, ‘‘इस संबंध में सरकार का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। प्रधानमंत्री ने भी अपने बयान में यह बात कही है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत में आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों के लिए कोई स्थान नहीं है।’’
वह उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या किसी जी20 देश के स्पीकर ने भारत में ऐसे लोगों की मौजूदगी का मुद्दा उठाया था, जो विदेश में अलगाववादी गतिविधि में शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की यह स्पष्ट नीति है… आतंकवाद, चाहे वह जाति या धर्म के आधार पर हो… आतंकवाद तो आतंकवाद है और आतंकवाद के किसी भी रूप को भारत में कोई समर्थन नहीं मिलेगा।’’ लोकसभा अध्यक्ष ने पी20 सम्मेलन के संबंध में पत्रकारों को बताया कि यहां यशोभूमि में आयोजित दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में 27 देशों के पीठासीन अधिकारियों और 49 संसद सदस्यों सहित 436 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि यह अब तक किसी भी पी20 शिखर सम्मेलन में अधिकतम मौजूदगी थी और संयुक्त बयान पर सर्वसम्मति विचार-विमर्श का मुख्य केंद्र थी। भारत ने पी20 शिखर सम्मेलन के नौवें संस्करण की मेजबानी की थी।बिरला ने कहा कि भारत ने विधायी मसौदा तैयार करने पर एक विशेषज्ञ समूह का गठन किये जाने की भी पेशकश की है और यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां भारतीय संसद के पास काफी विशेषज्ञता है और उसने कई देशों की संसदों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की सफलता पी20 शिखर सम्मेलन में हुए विचार-विमर्श में भी परिलक्षित हुई और इस सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान भी सामने आया। बिरला ने कहा कि इंडोनेशिया की मेजबानी में आयोजित पिछले पी20 सम्मेलन में एक संयुक्त बयान जारी नहीं हो पाया था।