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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114गया: नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने आज कहा कि भारत अगले दो-तीन वर्षों में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएगा।
सुब्रह्मण्यम ने सोमवार को यहां बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) में आयोजित संवाददाता सम्मलेन में कहा कि अभी भारत दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है और जिस गति से भारत आगे बढ़ रहा है वह आने वाले दो-तीन वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक हमारी अर्थव्यवस्था दोगुनी यानी 7 ट्रलियन डॉलर होने जा रही है।
नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश को वर्ष 2047 तक यानी आजादी के 100 साल पूरे होने पर ‘विकसित भारत’ बनाने का लक्ष्य है। आज अमेरिका की जितनी बड़ी अर्थव्यवस्था है वर्ष 2047 में उससे बड़ी भारत की होगी। अमेरिका की अर्थव्यवस्था अभी 25 ट्रिलियन डॉलर की है। वर्ष 2047 में भारत की अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन डॉलर की होगी।
सुब्रह्मण्यम ने कहा, “देश के विकसित होने का मतलब पैसों से नहीं होता है। आप कैसे रह रहे है, कैसे जी रहे है, आपको कितना सुख है, ये सारी चीजों को भी देखना होता है इसलिए पहले हर व्यक्ति को रोटी, कपड़ा, मकान, फोन, बैंक खाता ये सब चीजें उसके बाद लोगों को अच्छी सेहत, अच्छे मकान हो उस दिशा में हम काम कर रहे हैं।”
नीति आयोग के सीईओ ने बिहार में हो रहे विकास कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश में 112 आकांक्षी जिले हैं, जिसमें से 13 बिहार के हैं। इसी तरह देश के 500 आकांक्षी प्रखंड (ब्लॉक) में 61 बिहार के हैं जो 27 जिलों में हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर शासन और बेहतर प्रबंधन के कारण बिहार के कई आकांक्षी प्रखंड और जिले निकट भविष्य में प्रेरणादायक जिलों और ब्लॉकों के रूप में आगे बढ़ेंगे।
इस मौके पर बिहार के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव बी. राजेन्द्र, मगध प्रमंडल के आयुक्त प्रेम सिंह मीणा, बिपार्ड के सहायक निदेशक आर्य गौतम, बिपार्ड के उप निदेशक चेत नारायण मौजूद थे।
सुब्रह्मण्यम मंगलवार को बिहार नेक्स्ट-जेन लैब का शुभारंभ करेंगे। यह लैब प्रशासकों को प्रशिक्षित करने के लिए घरेलू सुरक्षित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीकों का लाभ उठाएगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एकीकरण न केवल सुरक्षित डेटा हैंडलिंग का समर्थन करेगा बल्कि इस प्रयोगशाला से प्रशिक्षु अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों को पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण, नीति निर्माण और शासन अनुकूलन के लिए एआई की शक्ति का उपयोग करने में सक्षम बनाने की उम्मीद है।
इसमें एक नीति शाला है, जो गहन शिक्षण वातावरण प्रदान करेगी, जिसमें उन्नत सिमुलेशन तकनीकों का उपयोग करके वास्तविक दुनिया के परिदृश्य बनाए जाएंगे, जिनसे प्रशिक्षु बातचीत कर सकते हैं। लघु फिल्मों का एक संग्रह शासन के मुद्दों की एक अनुकूलित और व्यावहारिक समझ की अनुमति देना। यह अनुभवात्मक और भावनात्मक दृष्टिकोण सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच की खाई को पाट देगा।
इसी तरह एक विकसित चिंतन कक्ष होगा। इस प्रयोगशाला को एक सहयोगात्मक स्थान के रूप में देखा जा रहा है, जहां राज्य के अधिकारी चर्चा करने, विचार-विमर्श करने और निर्णायक नीतिगत निर्णय लेने के लिए एकत्र हो सकते हैं। यह अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित होगा।