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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नई दिल्ली। थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच सोमवार को कहा कि भारतीय सेना देश के समक्ष सभी मौजूदा और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार व पूरी तरह सक्षम है। देश के 13 लाख सैनिकों वाले मजबूत बल की कमान संभालने के एक दिन बाद उन्होंने कहा कि थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बीच तालमेल सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकताओं में से एक होगा। रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक में सलामी गारद का निरीक्षण करने के बाद मीडिया से बातचीत में नव नियुक्त सेना प्रमुख ने कहा कि सेना ‘‘अनूठी अभियानगत चुनौतियों’’ का सामना कर रही है और ऐसे खतरों के लिए तैयार रहने के वास्ते यह महत्वपूर्ण है कि सैनिकों को आधुनिक हथियार मुहैया कराए जाएं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सौंपी गयी जिम्मेदारियों के प्रति, मैं पूरी तरह सजग हूं और मैं देश तथा सभी नागरिकों को आश्वस्त करता हूं कि भारतीय सेना सभी मौजूदा व भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार व पूरी तरह सक्षम है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि वह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सेना में स्वदेश निíमत सैन्य उपकरणों को शामिल करने को प्रोत्साहित करेंगे।
जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक परिदृशय़ तेजी से बदल रहा है और प्रौद्योगिकी में बहुत तेज गति से बदलाव आ रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय सेना अनूठी अभियानगत चुनौतियों का सामना करती है और ऐसे खतरों के लिए तैयार रहने के वास्ते यह जरूरी है कि हम अपने सैनिकों को आधुनिक हथियारों तथा प्रौद्योगिकी से लैस करते रहें तथा अपनी युद्ध लड़ने की रणनीतियों में बदलाव करते रहें।’’ सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना ‘‘परिवर्तन की राह’’ पर है और वह रक्षा में ‘आत्मनिर्भर’ बनना चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसे हासिल करने के लिए हम स्वदेशी पहलों को बढ़ावा देंगे और अधिकतम ऐसी युद्ध प्रणालियों तथा उपकरणों को शामिल करेंगे जिनका निर्माण हमारे देश में किया गया हो।’’ जनरल द्विवेदी ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि सेना ‘‘संघर्ष की स्थिति’’ में लड़ने के लिए तैयार रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना तथा अन्य पक्षकारों के बीच पूरी तरह तालमेल बैठाकर संघर्ष की स्थिति में लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे सुनिश्चित होगा कि भारत के हित सुरक्षित हैं और हम ‘विकसित भारत-2047’ की दूरदृष्टि को साकार करने के लिए राष्ट्र निर्माण का एक प्रमुख स्तंभ बन जाएंगे।’’ सेना प्रमुख ने कहा कि रक्षा बल का नेतृत्व करना उनके लिए काफी गर्व का विषय है।