Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

ISRO ने Chandrayaan-2 के ऑर्बिटर से ली गई CH-3 लैंडर की तस्वीरें की जारी

चेन्नईः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को चंद्रयान-2 ऑर्बिटर पर लगे दोहरे ड्यूल फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक एपर्चर रडार (डीएफएसएआर) उपकरण के जरिए ली गयी चंद्रयान-3 लैंडर की तस्वीरें जारी कीं। ये तस्वीरें छह सितंबर को चंद्रयान -2 ऑर्बिटर द्वारा खिंची की गई थीं। गौतलब है कि एसएआर उपकरण आवृत्ति बैंड में माइक्रोवेव प्रसारित करता है और सतह से बिखरे हुए समान प्राप्त करता है। रडार होने के कारण यह सौर प्रकाश के बिना भी तस्वीरें खींच सकता है। यह लक्ष्य केंद्र की दूरी और भौतिक विशेषताएँ दोनों बता सकता है। इसलिए, एसएआर का उपयोग पृथ्वी और अन्य खगोलीय पिंडों की रिमोट सेंसिंग के लिए किया जाता है।

वहीं, डीएफएसएआर चंद्रयान-2 ऑर्बिटर पर एक प्रमुख वैज्ञानिक उपकरण है। यह एल-और एस-बैंड में माइक्रोवेव का उपयोग करता है। यह अत्याधुनिक उपकरण वर्तमान में किसी भी ग्रहीय मिशन पर सर्वोत्तम रिज़ॉल्यूशन वाली पोलारिमेट्रिक छवियां प्रदान कर रहा है। लंबी रडार वेवलेंथ डीएफएसएआर को कुछ मीटर तक चंद्र उपसतह केंद्र का पता लगाने में सक्षम बनाती है। डीएफएसएआर पिछले चार वर्षों से चंद्र सतह की इमेजिंग करके उच्च गुणवत्ता वाले डेटा प्रसारित कर रहा है, जिसका मुख्य ध्यान चंद्र ध्रुवीय विज्ञान पर है।

इसरो ने कहा, ‘‘चंद्रयान -2 डीएफएसएआर के उच्च रिज़ॉल्यूशन पोलारिमेट्रिक मोड ने 6 सितंबर, 2023 को विक्रम लैंडर की छवि ली। लैंडर उच्च तीव्रता के उछाल बिखरने के कारण महत्वपूर्ण है, जो लंबवत उन्मुख मानव निर्मित संरचनाओं की विशेषता है। लैंडर का पता लगाने के लिए लैं¨डग से पहले की छवि को भी साथ जोड़ा गया है।’’

Exit mobile version