श्रीनगर : भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ जो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पार्टी प्रभारी भी हैं ने आज नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने ऐसे समय में पाकिस्तान के साथ बातचीत का सुझाव दिया है, जब पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के संगठित समूहों को भेज रहा है। अब्दुल्ला के सुझाव पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए चुघ ने कहा कि पाकिस्तान से उसी तरह से निपटा जाना चाहिए, जिस तरह से वह सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर और साजिश रचकर भारत के साथ व्यवहार कर रहा है।
चुघ ने कहा कि मोदी सरकार पहले पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्प है, फिर किसी और चीज के बारे में सोचेगी। चुघ ने कहा, कि “फारूक अब्दुल्ला को पाकिस्तान आईएसआई के पीआरओ की तरह व्यवहार करना बंद कर देना चाहिए और पहले भारत को एक राष्ट्र के रूप में सोचना चाहिए”, उन्होंने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए पाकिस्तान से कहने के बजाय अब्दुल्ला भारत को शांति वार्ता के लिए आगे बढ़ने का सुझाव दे रहे हैं।
तरुण चुघ ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब्दुल्ला हमेशा पाकिस्तान की भाषा बोलते रहे हैं और उन्हें जम्मू-कश्मीर के आम आदमी के विकास और तरक्की की कोई चिंता नहीं है। ऐसे समय में जब जम्मू-कश्मीर में पर्यटन अपने चरम पर है, अब्दुल्ला को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी निंदा करनी चाहिए। अब्दुल्ला को पाकिस्तान में अपने आकाओं से सीमा पार आतंकवाद रोकने के लिए कहना चाहिए और फिर मोदी सरकार को कोई सुझाव देना चाहिए।