झारखंड-बंगाल सीमा 24 घंटे बाद फिर से खोली गई, ट्रकों की 20-25 किलोमीटर तक लगी लंबी कतार

कोलकाता/रांची। पश्चिम बंगाल-झारखंड सीमा करीब 24 घंटे तक बंद रहने के बाद अंतरराज्यीय व्यापार के वास्ते ट्रकों की आवाजाही के लिए फिर से खोल दी गई है। दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा झारखंड के साथ अंतर-राज्यीय सीमा पर स्थित उसके बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने बृहस्पतिवार शाम को सीमा.

कोलकाता/रांची। पश्चिम बंगाल-झारखंड सीमा करीब 24 घंटे तक बंद रहने के बाद अंतरराज्यीय व्यापार के वास्ते ट्रकों की आवाजाही के लिए फिर से खोल दी गई है। दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा झारखंड के साथ अंतर-राज्यीय सीमा पर स्थित उसके बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने बृहस्पतिवार शाम को सीमा बंद कर दी थी। पानी छोड़े जाने की वजह से दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ आ गई। झारखंड सरकार के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘अंतर-राज्यीय सीमा खोल दी गयी है और एनएच-2 और एनएच-6 पर फंसे सामान से लदे हजारों ट्रक पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गए हैं।’’ पश्चिम बंगाल में ‘ट्रक ऑपरेटर्स’ ने कहा कि सीमा खुल गयी है लेकिन सीमा पर 20-25 किलोमीटर लंबी कतार में खड़े ट्रकों को आगे बढ़ने में थोड़ा वक्त लगेगा।

सीमा बंद करने के कारण हजारों ट्रक फंस गए थे जिनमें उत्तरी राज्यों से ऐसे ट्रक भी शामिल थे जिनमें जल्दी खराब होने वाली खाद्य सामग्री थी और इसके कारण आपात सेवाएं भी प्रभावित हुई थीं। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ममता बनर्जी गृह मंत्रालय, एनएचएआई, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा झारखंड के लोगों के दृढ़ संकल्प के आगे झुक गई जिन्होंने झारखंड से पश्चिम बंगाल जा रहे वाहनों को रोकने के लिए उनके खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था।’’ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि उनके राज्य में बाढ़ की स्थिति ‘‘झारखंड को बचाने’’ के लिए डीवीसी द्वारा उसके बांधों से अनियंत्रित पानी छोड़े जाने के कारण पैदा हुई। इसके बाद झारखंड से पश्चिम बंगाल आ रहे भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई।

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