झारखंड सरकार ने हाईकोर्ट में कहा, धनबाद जेल में गैंगस्टर की हत्या की एसआईटी जांच कराएंगे

रांचीः झारखंड सरकार धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या के मामले में एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) से जांच कराएगी। यह जानकारी सरकार की ओर से मंगलवार को हाईकोर्ट को दी गई। झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में बीते चार दिसंबर को स्वत: संज्ञान लिया था। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि.

रांचीः झारखंड सरकार धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या के मामले में एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) से जांच कराएगी। यह जानकारी सरकार की ओर से मंगलवार को हाईकोर्ट को दी गई। झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में बीते चार दिसंबर को स्वत: संज्ञान लिया था। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि यह घटना एक बड़े षडय़ंत्र की ओर इशारा कर रही है। जेल में हथियार पहुंचना और हत्या होना गंभीर बात है। कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि वृहद षडय़ंत्र और पॉलिटिकल एंगल की जांच के लिए क्या मुख्यालय स्तर पर स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम (एसआईटी) बनाने का विचार रखती है?। मंगलवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंदा सेन की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। सरकार की ओर से एसआईटी गठित करने की जानकारी दिए जाने के बाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए जनवरी के पहले सप्ताह की तिथि निर्धारित की है। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा।

दरअसल, धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या बीते तीन दिसंबर को कर दी गई थी। गैंगस्टर की हत्या के मुख्य आरोपी रितेश यादव से पांच दिनों तक रिमांड पर पूछताछ के बाद धनबाद पुलिस ने जिला अदालत में उसका स्वीकारोक्ति बयान जमा किया है। इसमें आरोपी ने अपना जुर्म कबूल किया है। आरोपी ने बयान में बताया है कि उसने जिस गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या की, उसने धनबाद जेल के जेलर की हत्या की साजिश रची थी और इसी काम के लिए उसे प्लानिंग के तहत गिरफ्तार करवाकर जेल लाया गया था। इस साजिश में फरार अपराधी आशीष रंजन उर्फ छोटू उसका भागीदार था।

रितेश यादव के मुताबिक जब उसे जेलर की हत्या करने को कहा गया तो उसने इसके इनकार कर दिया। इसके बाद आशीष रंजन उर्फ छोटू ने उसे कहा कि अगर वह जेलर की हत्या नहीं करता है तो अमन सिंह की ही हत्या कर दे। उसे यह भी धमकी दी गई कि अगर उसने अमन सिंह की हत्या नहीं की तो उसके भाई और पिता की हत्या करवा दी जाएगी। इसके लिए उसे जेल के भीतर विकास बजरंगी नामक कैदी ने दो पिस्टल उपलब्ध कराई। अमन सिंह की हत्या में उसका साथ सतीश साव उर्फ गांधी नामक कैदी ने भी दिया।

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