कर्नाटक बीजेपी नेता डी.बी. चंद्रेगौड़ा का 87 साल की उम्र में निधन

चिक्कमगलुरु: वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री डी.बी. चंद्रेगौड़ा का मंगलवार को 87 साल की उम्र में कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले के मुदिगेरे तालुक के दारादाहल्ली गांव में उनके आवास पर निधन हो गया। चंद्रेगौड़ा कई स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे। उनके पार्थवि शरीर को मुदिगेरे शहर में अद्यंतया रंगा मंदिर के परिसर में जनता.

चिक्कमगलुरु: वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री डी.बी. चंद्रेगौड़ा का मंगलवार को 87 साल की उम्र में कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले के मुदिगेरे तालुक के दारादाहल्ली गांव में उनके आवास पर निधन हो गया। चंद्रेगौड़ा कई स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे। उनके पार्थवि शरीर को मुदिगेरे शहर में अद्यंतया रंगा मंदिर के परिसर में जनता के दर्शन के लिए रखा जाएगा। परिवार के मुताबिक अंतिम संस्कार 8 नवंबर को दारादाहल्ली गांव के पूर्णचंद्र एस्टेट में किया जाएगा।

अपने पांच दशक से अधिक के करियर में गौड़ा तीन बार विधायक और सांसद चुने गए। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की और उनकी पहचान शीर्ष नेताओं में की गई। सांसद के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान उन्होंने 1978 में दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चिक्कमगलुरु लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की सुविधा देने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

आपातकाल के बाद के दौर में मिली जीत के बाद इंदिरा गांधी को राजनीतिक पुनर्जन्म मिला। गौड़ा 2009 में भाजपा में शामिल हुए और बेंगलुरु उत्तर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। उनके परिवार में उनकी पत्नी बी.एस. पूर्णमिा और चार बेटियां हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि वह वरिष्ठ राजनेता के निधन की खबर से दुखी हैं। उन्होंने कहा, ‘उनका व्यक्तित्व अद्वितीय था और उन्होंने राजनीति में अपने लिए जगह बनाई। वह मेरे पड़ोसी थे और मेरे बहुत करीब थे।‘

बोम्मई ने कहा, ‘मैंने पिछले महीने उनके आवास पर उनसे मुलाकात की थी। उनका शोक परिवार में है। राज्य ने एक ईमानदार, वरिष्ठ राजनेता खो दिया है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।‘ डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार ने भी गौड़ा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘वह राज्य के मलनाड क्षेत्र के एक कट्टर समाजवादी और शुद्ध हृदय वाले व्यक्तित्व थे। जब कांग्रेस पार्टी और दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी संकट में थीं, तब चंद्रेगौड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और दिन-रात इंदिरा गांधी की जीत के लिए काम किया था। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षति किया था।’

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