Kedarnath Dham : मौसम हुआ साफ, फिर शुरू हुई यात्रा, भैरव गदेरे में क्षतिग्रस्त हुए पैदल मार्ग को खोलने का कार्य जारी

रुद्रप्रयागः बीते कुछ दिनों से लगातार बिगड़े मौसम के बाद आज केदारनाथ धाम में मौसम साफ हुआ है। धाम में लगातार हुई बर्फबारी के बाद आज धूप खिली है। बुधवार को एक दिन बंद रहने के बाद आज केदारनाथ धाम की यात्रा फिर शुरू हो गई है। हालांकि आज केदारनाथ धाम की यात्रा देरी से.

रुद्रप्रयागः बीते कुछ दिनों से लगातार बिगड़े मौसम के बाद आज केदारनाथ धाम में मौसम साफ हुआ है। धाम में लगातार हुई बर्फबारी के बाद आज धूप खिली है। बुधवार को एक दिन बंद रहने के बाद आज केदारनाथ धाम की यात्रा फिर शुरू हो गई है। हालांकि आज केदारनाथ धाम की यात्रा देरी से खुली है। यात्रा खुलने का इंतजार कर रहे हजारों यात्रियों को धीरे-धीरे करके 10 बजे बाद सोनप्रयाग और गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के लिए भेजा गया है। केदारनाथ यात्र मार्ग में ग्लेशियर टूटने से भैरव गदेरे में क्षतिग्रस्त हुए पैदल मार्ग को खोलने का कार्य जारी है।

वहीं आज सुबह से ही धाम सहित निचले क्षेत्रों में मौसम साफ था, लेकिन पैदल मार्ग बंद होने के कारण यात्रियों को 10 बजे के बाद ही धाम के लिए रवाना किया गया। हालांकि धाम जाने के लिए यात्रियों की लाइन सुबह चार बजे ही सोनप्रयाग में लग गई थी। यात्रियों को सीमित संख्या में केदारनाथ भेजा जा रहा है, जिससे धाम सहित पैदल मार्ग पर व्यवस्थाएं बनी रहें।

आपको बता दें कि,तीन मई को केदारनाथ में बर्फबारी का हाई अलर्ट जारी था। धाम में बर्फबारी भी काफी हुई। इस कारण तीन मई को केदारनाथ धाम की यात्र स्थगित करनी पड़ी थी। अत्यधिक बर्फबारी के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग पर धाम से लगभग चार किमी नीचे ग्लेशियर टूट गया और मार्ग पर आवाजाही बंद हो गई। पैदल मार्ग को सुबह 4 बजे से ही खोलने का कार्य शुरू हो गया था। 50 से 60 मजदूर बर्फ को हटाने के कार्य में जुटे हुए हैं।

दरअसल, लिनचौली से केदारनाथ के बीच 2 जगहों में ग्लेशियर टूटने से रास्ता बंद हो गया था। एक जगह पर मजदूरों ने पैदल मार्ग पर आवाजाही शुरू करवा दी है। मगर भैरों गदेरे पर अत्यधिक मात्र में ग्लेशियर आने से मजदूरों को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। मजदूरों की ओर से ग्लेशियर को काटकर रास्ता बनाया जा रहा है। अब केदारनाथ धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों को बड़े-बड़े ग्लेशियरों से होकर गुजरना पड़ेगा। यहां से गुजरते समय उन्हें विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।

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