नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पूर्व अपने चुनावी अभियान के सिलसिले में राज्य के आदिवासीबहुल सिवनी जिले में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जिन आदिवासियों ने ‘राजकुमार राम’ को ‘परमात्मा राम’ बना दिया, हम उन आदिवासियों के भक्त और पुजारी हैं। वहीं पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें पता चला है कि 30 साल बाद कोई प्रधानमंत्री यहां आया है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कोरोना के बाद से अब तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन प्राप्त हुआ है। मध्यप्रदेश में पांच करोड़ परिवारों को घर में मुफ्त राशन पहुंचा है। ये योजना दिसंबर में पूरी हो रही थी, पर उन्हें गरीबी किताबों में पढ़नी नहीं पड़ती, इसलिए उन्होंने फैसला किया कि आने वाले पांच साल के लिए फिर से मुफ्त राशन की गारंटी दी जाएगी। पहले की सरकार में सिर्फ घोटाले होते थे, अब पूरा पैसा गरीबों को राशन में जा रहा है। दोनों सरकारों में यही अंतर है।
महाकौशल अंचल के सिवनी के संदर्भ में पीएम मोदी ने कहा कि यहां आजादी की रक्षा में आदिवासी नायकों का सम्मान दिखता है। कांग्रेस ने आजादी का पूरा श्रेय एक ही परिवार के नाम कर दिया। जहां कांग्रेस शासन में होती है, वहां सरकारी योजनाओं से लेकर गलियां तक उसी परिवार के नाम पर हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के घोषणापत्र में भी वही एक परिवार दिखता है, जबकि भाजपा के लिए हर आदिवासी भाजपा परिवार का सदस्य है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल कांग्रेस के एक नेता आदिवासियों में जाकर झूठ फैलाने की फैक्ट्री खोलते हुए भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वालों के मुंह में आदिवासी नाम शब्द शोभा नहीं देता। इसी क्रम में उन्होंने लोगों से सवाल किया कि क्या ये आदिवासी समाज भाजपा सरकार बनने के बाद आया। क्या ये सैंकड़ों साल से नहीं है। क्या आदिवासी भगवान राम के जमाने में थे या नहीं। क्या इस समाज ने राजकुमार राम को पुरूषोत्तम राम नहीं बनाया। ये समाज इतना पुराना है, पर कांग्रेस को पांच दशक तक दिल्ली में राज करने के बाद भी आदिवासियों की सुध नहीं आई।
पहली बार अटल बिहार वाजपेयी सरकार ने इस समाज के लिए अलग मंत्रालय बनाया। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार में जनजातीय नायको के सम्मान में किए गए कार्यों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि बैगा, भारिया, सहरिया जैसी जनजातियों के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का विशेष मिशन शुरु किया जा रहा है। सिवनी के पेंच राष्ट्रीय पार्क के संदर्भ में उन्होंने कहा कि पेंच ‘मोगली का घर’ कहलाता है, इसलिए सिवनी समेत पूरे क्षेत्र में पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को प्राथमकिता दी जा रही है।