नई दिल्ली: नए मंत्रियों के प्रभार संभालने और अत्यधिक जोखिम का सामना कर रहे एक दर्जन से अधिक व्यक्तियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी एनएसजी एवं आईटीबीपी से अन्य अर्धसैनिक बलों को हस्तांतरित किए जाने के साथ, केंद्र सरकार की ‘वीआईपी’ सुरक्षा व्यवस्था में एक ‘बड़ा और आमूलचूल’ बदलाव नजर आने की उम्मीद है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रलय के तहत आने वाले इस महत्वपूर्ण विषय की समीक्षा जल्द ही किए जाने की उम्मीद है और विभिन्न राजनीतिक हस्तियों, पूर्व मंत्रियों, सेवानिवृत्त नौकरशाहों तथा कुछ अन्य लोगों को दिया गया सुरक्षा कवर या तो वापस ले लिया जाएगा, घटाया जाएगा या बढ़़ा दिया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि यह भी निर्णय लिया गया है कि अति विशिष्टि व्यक्तियों (वीआईपी) की सुरक्षा ड्यूटी से ‘ब्लैक कैट’ कमांडो को पूरी तरह से हटाने के काफी समय से लंबित प्रस्ताव को अब लागू किया जाएगा और सभी 9 व्यक्तियों की ‘जैड-प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की वीआईपी सुरक्षा इकाई को सौंपी जाएगी।
उन्होंने बताया कि इसी तरह से सीमा की पहरेदारी करने वाले बल भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कर्मियों द्वारा कुछ वीआईपी को दी जा रही सुरक्षा सीआरपीएफ या केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की वीआईपी सुरक्षा इकाई विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) को सौंपी जा सकती है।