राहुल समेत कई विपक्षी नेताओं का दावा, iPhone हैक करने की हुई कोशिश…मोदी सरकार का आया बड़ा बयान

नेशनल डेस्क: महुआ मोइत्रा, शशि थरूर, असदुद्दीन ओवैसी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि एप्पल की ओर से उन्‍हें ‘स्टेट-स्पॉन्सर्ड हमलों की कोशिश’ का अलर्ट आया है। नेताओं ने ट्विटर पर उस मैसेज के स्क्रीनशॉट भी डाले हैं जो उनको Apple की तरफ से आए हैं। इन नेताओं ने.

नेशनल डेस्क: महुआ मोइत्रा, शशि थरूर, असदुद्दीन ओवैसी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि एप्पल की ओर से उन्‍हें ‘स्टेट-स्पॉन्सर्ड हमलों की कोशिश’ का अलर्ट आया है। नेताओं ने ट्विटर पर उस मैसेज के स्क्रीनशॉट भी डाले हैं जो उनको Apple की तरफ से आए हैं।

इन नेताओं ने लगाए आरोप

  • तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा
  • शिवसेना (UBT) प्रियंका चतुर्वेदी
  • कांग्रेस नेता शशि थरूर
  • कांग्रेस नेता पवन खेड़ा
  • कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल
  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ऑफिस वर्कर्स
  • AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी
  • AAP सांसद राघव चड्ढा
  • सपा नेता अखिलेश यादव

क्या बोली मोदी सरकार

विपक्षी नेताओं द्वारा सरकार पर अपना फोन टेप करवाने के लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार पर लगाए जा रहे आरोप बिल्कुल बेबुनियाद और गलत है, इन नेताओं को Apple से सफाई मांगनी चाहिए कि यह किस तरह का मैसेज है और कंपनी के जवाब से असंतुष्ट होने पर FIR करवाना चाहिए।

भाजपा मुख्यालय में विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बारे में मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा की इन नेताओं को FIR करने से कौन रोक रहा है? यह क्या मैसेज है और क्यों भेजा गया है, इसके बारे में तो एप्पल कंपनी ही सफाई दे सकती है? उन्होंने कहा कि शशि थरूर तो स्वयं आईटी से जुड़ी स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं, वह इस मामले में Apple कंपनी से क्लेरिफिकेशन क्यों नहीं मांगते हैं? प्रसाद ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर ये नेता एप्पल की सफाई से संतुष्ट नहीं होते हैं तो जाकर FIR करवाएं।

 

प्रसाद ने इन नेताओं के आरोपों को राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों के समान बताते हुए कटाक्ष किया कि यह इस तरह का मामला लग रहा है जैसे कि राहुल गांधी ने देशभर में हल्ला मचाया कि पेगासस से उनके फोन की जासूसी हो रही है। लेकिन, जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपना फोन जांच कमेटी को जांच के लिए देने को कहा तो उन्होंने नहीं दिया।

 

रविशंकर ने कहा कि जहां तक अपने अनुभव से कह सकता हूं, कोई भी टेलीफोन कंपनी ऐसा नहीं कहती है (फोन टैपिंग को लेकर इस तरह का मैसेज नहीं भेजती है) और अगर ऐसा कुछ होता है तो सबसे पहले वह खुद क्विक रिस्पांस टीम के पास जाकर वहां बताती है कि यह कुछ ऐसा लग रहा है, इसको देखिए लेकिन यहां तो कमाल है कि मैसेज उन्हीं (नेताओं) को मिला और उसके बाद वह प्रैस में भी चले गए।

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