मां तो मां होती है…बीमार थी प्रवासी मजदूर महिला, केरल लेडी पुलिसकर्मी ने नवजात को पिलाया दूध

नेशनल डेस्क: मां तो मां होती है, भले ही वो किसी की भी हों। एक मां का दिल जहां अपने बच्चों की खौरियत मांगता है वहीं दूसरों के बच्चों के लिए भी दुआएं ही मांगता है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है केरल से, यहां एक महिला पुलिसकर्मी ने एक मजदूर प्रवासी महिला के.

नेशनल डेस्क: मां तो मां होती है, भले ही वो किसी की भी हों। एक मां का दिल जहां अपने बच्चों की खौरियत मांगता है वहीं दूसरों के बच्चों के लिए भी दुआएं ही मांगता है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है केरल से, यहां एक महिला पुलिसकर्मी ने एक मजदूर प्रवासी महिला के बच्चे को अपना दूध पिलाया क्योंकि उसकी मां बीमार थी। केरल की महिला पुलिसकर्मी आर्य शिलाजन की हर कोई तारीफ कर रहा है।

 

शिलाजन ने कोच्चि के एक सरकारी अस्पतताल में भर्ती महिला की चार महीने की बच्ची को स्तनपान कराया। नवजात की मां पटना की रहने वाली है और उसका पति, एक प्रवासी श्रमिक, यहां जेल में है।शिलाजन ने कहा कि कंट्रोल रूम से कॉल आई जिसमें बताया गया कि चार बच्चे अस्पताल में हैं जहां उनकी मां को हार्ट वाल्व की समस्या के चलते भर्ती कराया गया है। शिलाजन ने कहा, ’जल्द ही हमारे स्टेशन से एक टीम अस्पताल पहुंची और चारों बच्चों को स्टेशन ले आई। हमने देखा कि सभी बच्चे भूखे थे। हम 13, 5 और 2 साल के बच्चों के लिए खाना लेकर आए। तभी वहां एक बच्ची थी, जो सिर्फ चार महीने की थी और वह भूख से रो रही थी। यह देखकर मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारी से कहा कि मैं उसे स्तनपान कराना चाहती हूं।’

 

शिलाजन ने कहा, ’अधिकारी सहमत हो गया और मैंने बच्चे को दूध पिलाया। शिलाजन ने कहा कि महिला के बीमार होने के कारण वो बच्ची को दूध नहीं पिला पाई। मुझे खुशी है कि मैं बच्चे को दूध पिलाने में सक्षम हुई, क्योंकि मेरा 9 महीने का बच्चा भी है, जिसे मैं स्तनपान कराती हूं।’ शिलाजन ने बताया कि प्रवासी महिला के पांच बच्चे हैं जिनमें से चार उनके साथ हैं जबकि एक बच्चा पटना में ही है। महिला का पति जेल में हैं और वो पिछले कुछ समय से बीमार थी इसलिए उसका इलाज चल रहा है।

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