मुंबई : आरबीआई द्वारा New India Cooperative Bank लिमिटेड से निकासी पर प्रतिबंध लगाने के बाद बैंक के महाप्रबंधक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। मुंबई के दादर पुलिस स्टेशन में शनिवार को बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) देवर्षि शिशिर कुमार घोष ने महाप्रबंधक हितेश मेहता और उनके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
देवर्षि शिशिर कुमार घोष की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप है कि महाप्रबंधक हितेश मेहता और उनके कुछ सहयोगियों ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर बैंक में 122 करोड़ रुपए का गबन किया। महाप्रबंधक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने साथियों के साथ मिलकर यह घोटाला किया।
आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज
शिकायतकर्ता देवर्षि शिशिर कुमार घोष, जो वर्तमान में बैंक के कार्यवाहक सीईओ के तौर पर कार्यरत हैं, उन्होंने शुक्रवार को इस मामले की तहरीर दी। एफआईआर में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 316(5) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले की जांच अब मुंबई की इकनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) को सौंपी गई है। इस जांच को डीसीपी मंगेश शिंदे के नेतृत्व में उनकी विशेष टीम द्वारा देखा जाएगा। डीसीपी मंगेश शिंदे बैंकिंग मामलों से संबंधित अपराधों की जांच करने के लिए जाने जाते हैं, और इस मामले में भी उनकी निगरानी में जांच आगे बढ़ेगी।
प्रतिबंध बैंक की स्थिति में सुधार होने तक लागू रहेंगे
इन सब के बीच बैंक के घाटकोपर ब्रांच के बाहर शनिवार को लोगों की लंबी कतार देखी गई। बैंक के एक खाताधारक ने बताया कि शुक्रवार को बैंक से निकासी पर प्रतिबंध लगाने की खबर आई, जिसके बाद हम सब घबरा गए। लेकिन, आज घाटकोपर शाखा केवल बैंक के लॉकर से पैसे निकालने की अनुमति दे रही है।
बता दें कि शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है। आरबीआई का कहना है कि ये प्रतिबंध बैंक की स्थिति में सुधार होने तक लागू रहेंगे। इस प्रतिबंध के बाद खाताधारक अलग-अलग बैंक जाकर अपने खाते की जानकारी प्राप्त करते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, इस पाबंदी के चलते बैंक ग्राहक अपने पैसे नहीं निकाल सकते। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने नए लोन देने, पैसा जमा करने और फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी रोक लगा दी है।