उत्तर पूर्वी महोत्सव 13 से 17 जनवरी तक दिल्ली में होगा आयोजित

यह महोत्सव पारंपरिक कला, शिल्प और संस्कृतियों को एक ही स्थान पर जोड़कर उत्तर पूर्व भारत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करेगा - चंचल कुमार

नई दिल्ली : पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, अपने सीपीएसई, उत्तर पूर्वी हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम लिमिटेड (एनईएचएचडीसी) के माध्यम से 13 से 17 जनवरी तक उत्तर पूर्वी भारत की समृद्धि को प्रदर्शित करने वाला पांच दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव – उत्तर पूर्वी महोत्सव 2024 का आयोजन कर रहा है। नई दिल्ली में इसका आयोजन प्रगति मैदान के भारत मंडपम में किया जाएगा।

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव चंचल कुमार ने आज मीडिया को पूर्वोत्तर महोत्सव के पहले संस्करण के बारे में जानकारी दी। कुमार ने कहा कि इस महोत्सव को उत्तर पूर्व भारत की पारंपरिक कला, शिल्प और संस्कृतियों की समृद्ध विविधता को एक ही स्थान पर प्रदर्शित करने के लिए सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया है। एक सांस्कृतिक पच्चीकारी के रूप में कल्पना की गई, उत्तर पूर्वी महोत्सव एक त्यौहार से कहीं अधिक है।

मीडिया को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि यह महोत्सव आर्थिक अवसरों का मंच है। महोत्सव का उद्देश्य पारंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा, कृषि उत्पादों और पर्यटन पेशकशों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है, जो क्षेत्र की वृद्धि और विकास के लिए उत्प्रेरक बन सकता है।

डोनर मंत्रालय के सचिव ने कहा कि महोत्सव में 250 बुनकर, किसान और उद्यमी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि महोत्सव के दौरान पैनल चर्चा और क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि पारंपरिक नृत्य, मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियां और क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन उत्सव का मुख्य आकर्षण होगा। इस मौके पर एक वीडियो फिल्म भी जारी की गई।

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