धंगरी आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों की संख्या हुई सात, सरपंच शर्मा ने कहा-मामले की हो NIA जांच

जम्मू : जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर के धंगरी गांव में हुए आतंकवादी हमले में घायल एक और व्यक्ति की रविवार को यहां एक अस्पताल में मौत हो गई। इससे इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढक़र सात हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रिंस शर्मा आंतकवादियों द्वारा.

जम्मू : जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर के धंगरी गांव में हुए आतंकवादी हमले में घायल एक और व्यक्ति की रविवार को यहां एक अस्पताल में मौत हो गई। इससे इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढक़र सात हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रिंस शर्मा आंतकवादियों द्वारा एक जनवरी को धंगरी गांव में की गई गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे बेहतर इलाज के लिए अन्य घायलों के साथ जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में स्थानांतरित किया गया था, जहां रविवार तड़के उसकी मौत हो गई।

धंगरी में हुए आतंकवादी हमले में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जिनमें प्रिंस शर्मा का बड़ा भाई दीपक कुमार भी शामिल था। आतंकवादियों की ओर से एक जनवरी को की गई गोलीबारी में चार लोग मारे गए थे और छह अन्य घायल हुए थे। वहीं, अगली सुबह गांव में हुए एक शक्तिशाली आईईडी विस्फोट में दो लोगों की जान चली गई थी, जबकि नौ अन्य घायल हुए थे।

आतंकवादियों ने गोलीबारी के बाद धंगरी से भागने से पहले वहां आईईडी लगाई थी। हमले में शामिल आतंकवादियों की गिरफ्तारी के लिए बड़े पैमाने पर तलाश अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच सरपंच धीरज शर्मा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने की मांग की। आतंकवादी हमले में अपने दोनों बेटों को खोने वाली सूरज देवी को सांत्वना देने के लिए सैकड़ों लोग मृतक के आवास पर एकत्र हो गए। उसके पति राजिंदर कुमार की लगभग चार साल पहले बीमारी के कारण मौत हो गई थी। छोटे बेटे का शव देखकर वह बेसुध हो गई।

सरपंच शर्मा ने कहा, ‘‘हम गृह मंत्री (अमित शाह) से इस मामले को तुरंत एनआईए को सौंपने की अपील करते हैं। हम लड़के का अंतिम संस्कार तब तक नहीं करेंगे, जब तक एनआईए जांच की हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती।’’ उन्होंने कहा कि एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है लेकिन सुरक्षा एजेंसियां कोई सफलता हासिल करने और दोषियों को सजा दिलाने में विफल रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमले में शामिल आतंकवादी अभी भी फरार हैं। हम अपने घरों में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उपराज्यपाल ने हमें आश्वासन दिया था कि हमें एक सप्ताह के भीतर आत्मरक्षा के लिए हथियार उपलब्ध करा दिए जाएंगे, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।’’ सरपंच ने कहा कि उन्होंने गांव में एक स्थायी सैन्य शिविर की मांग की है, लेकिन अधिकारियों ने गांव की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ जवानों को सौंपा है। प्रशासन के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए, उन्होंने गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को जीएमसी अस्पताल जम्मू में स्थानांतरित करने में देरी किये जाने की भी जांच की मांग की।

- विज्ञापन -

Latest News