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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त जारी करने तथा मंत्रालय से संबंधित केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा कल लिए गए दो महत्वपूर्ण निर्णयों के संबंध में भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल महाराष्ट्र के वाशिम से देशभर के किसानों के खातों में पीएम किसान निधि की 18वीं किस्त जारी करेंगे। पिछले 120 दिनों में किसानों के कल्याण के लिए समर्पित सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अनेक किसान हितैषी निर्णय लिए हैं तथा यह आगे भी जारी रहेंगे। हमारी छह सूत्री रणनीति उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत कम करना, उत्पादन का उचित मूल्य देना, प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई, कृषि का विविधीकरण, मूल्य संवर्धन तथा प्राकृतिक खेती है। किसानों को उचित मूल्य मिले, इसके लिए हाल ही में कुछ बड़े निर्णय भी लिए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि देश में आयात किए जाने वाले खाद्य तेलों के संबंध में लिए गए निर्णय का तिलहनों के उत्पादन तथा कीमतों पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। आयातित खाद्य तेलों – सोयाबीन, मूंगफली, सरसों, सूरजमुखी, तिल पर पहले 0% आयात शुल्क था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 27.5% कर दिया गया है। पहले मध्यप्रदेश में सस्ता पाम ऑयल आ रहा था जिससे सोयाबीन के दाम भी काफी कम हो गए थे, किसानों को नुकसान से बचाने के लिए सोयाबीन के दाम औसतन 500 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ गए हैं और दाम बढ़ने का सिलसिला भी जारी है। सरकार ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदने का भी निर्णय लिया है ताकि किसानों को सही दाम दिया जा सके। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि राज्य भी खरीद करेंगे और इसके समानांतर भावांतर भुगतान योजना भी जारी रहेगी।
चौहान ने कहा कि बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात शुल्क था जिससे निर्यात महंगा हो गया था। बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात शुल्क समाप्त कर दिया गया है। गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध भी हटा दिया गया है जिससे किसानों को धान के बेहतर दाम मिलेंगे। प्याज पर निर्यात शुल्क 40% था, उसमें भी 20% की कटौती की गई है। ये सभी निर्णय इसलिए लिए गए हैं ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि खाद्य तेलों को लेकर कल कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। 10,103 करोड़ 38 लाख रुपए की लागत से राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन बनाया गया है। देश में खाद्य तेलों का उत्पादन बहुत कम है। किसानों को आईसीएआर द्वारा बनाए गए प्रजनक बीज-उन्नत बीज, प्रमाणित बीज और आधार बीज निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए देशभर में 600 क्लस्टर बनाए जाएंगे। 21 राज्यों के 347 जिले जहां तिलहन उत्पादित होते हैं, उन्हें विशेष रूप से शामिल किया गया है। इन क्लस्टरों में किसानों को निशुल्क बीज, नई तकनीक से अधिक उत्पादन के लिए प्रशिक्षण और किसानों के उत्पादन की शत-प्रतिशत खरीद की जाएगी। इस मिशन के तहत ऐसी सुविधाएं दी जाएंगी। देशभर में हर साल 10 लाख हेक्टेयर में तिलहन की खेती की जाएगी। 10 लाख हेक्टेयर का यह क्षेत्र हर साल बदला जाएगा। 7 साल में करीब 70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र इस योजना के तहत लिया जाएगा। चौहान ने कहा कि उन्नत बीजों की कमी को पूरा करने के लिए 65 नए बीज केंद्र स्थापित किए जाएंगे। फिलहाल 35 केंद्र हैं और कुल 100 केंद्र बनाए जाएंगे। बीजों को सुरक्षित रखने के लिए 50 बीज भंडारण इकाइयां भी स्थापित की जाएंगी। हम उन राज्यों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं जहां किसान सिर्फ एक ही फसल उगाते हैं। इंटरक्रॉपिंग का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
चौहान ने बताया कि किसानों के हितों की रक्षा और खाद्य सुरक्षा के लिए कल मंत्रि-परिषद ने एक लाख करोड़ रुपए की एक और योजना को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नत योजना बनाई गई है। इन योजनाओं पर कुल 1,01, 321 करोड़ 61 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में मृदा स्वस्थ प्रबंधन, वर्षा आधारित क्षेत्र का विकास, कृषि वानिकी, परंपरागत कृषि को बढ़ावा, फसल अवशेष प्रबंधन, कृषि यंत्रीकरण, प्रति बूंद अधिक फसल, फसल विविधीकरण और कृषि स्टार्टअप के लिए निधि शामिल है। कृषि उन्नत योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन, राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन, एकीकृत बागवानी विकास मिशन, कृषि विस्तार पर उप मिशन, कृषि विपणन के लिए एकीकृत योजना, डिजिटल कृषि मिशन और कृषि जनगणना आर्थिक एवं सांख्यिकी पर भी एकीकृत योजनाएं बनाई जाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि इन योजनाओं को लचीला रखा गया है। राज्य अपनी सुविधानुसार कोई भी योजना ले सकेंगे और उसमें पैसा लगा सकेंगे और इन सभी योजनाओं की स्वीकृति भी एक बार में ही हो जाएगी। इन योजनाओं से उत्पादन बढ़ेगा, किसानों की आय बढ़ेगी और खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि डिजिटल कृषि मिशन के कई लाभ होंगे। इससे रिकॉर्ड में छेड़छाड़ नहीं होगी, रिमोट सेंसिंग के माध्यम से फसल नुकसान का आकलन करने से फसल बीमा योजना का पूरा लाभ मिलेगा। किसानों को डिजिटल माध्यम से अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। स्व-सहायता समूह की बहनों को ड्रोन दिए गए हैं। अगर उनके ड्रोन में बैटरी जल्दी खत्म होने की समस्या है तो अब उन्हें ड्रोन की 5 बैटरी दी जाएंगी।