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बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ मुंबई में विरोध-प्रदर्शन, चिन्मय दास की रिहाई की मांग

मुंबई: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही अमानवीय हिंसा के विरोध में सोमवार को मुंबई में बांग्लादेश के उप उच्चायोग के पास विरोध-प्रदर्शन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार से हिंदू समुदाय की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा की मांग की। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं.

मुंबई: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही अमानवीय हिंसा के विरोध में सोमवार को मुंबई में बांग्लादेश के उप उच्चायोग के पास विरोध-प्रदर्शन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार से हिंदू समुदाय की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा की मांग की। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते हमलों और भेदभाव के मुद्दों पर जोर देते हुए सख्त कार्रवाई की अपील की। प्रदर्शनकारियों ने शांति, समानता, और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए नारे लगाए और बांग्लादेश में हो रही घटनाओं पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की।

विरोध में शामिल एक महिला ने कहा, बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद जिस तरह से वहां हिंदुओं और संतों को निशाना बनाया जा रहा है, वह गलत है। हम उसके विरोध में आवाज उठा रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार तुरंत बंद होना चाहिए। चिन्मय दास को जिस तरह से गिरफ्तार किया गया वह गलत है। उनको रिहा किया जाना चाहिए। हमारे मंदिरों पर हमले किए जा रहे हैं। महिलाओं को परेशान किया जा रहा है। वहां के हिंदू समाज के लोगों का रोजगार छीना जा रहा है। भारत सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। भारत का हिंदू समाज बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ खड़ा है।

पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी आज हिंदू संगठनों का विरोध देखने को मिला। विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष कपिल खन्ना ने कहा कि सभी बांग्लादेश की स्थिति से परिचित हैं। वहां पर स्थिति चिंताजनक है। साल 1947 के बाद से जब भी वहां पर कोई घटना घटती है, तो हिंदुओं पर अत्याचार होता है। अब स्थिति और भी भयावह हो गई है और हमारे धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है। हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है।

संतों को सुरक्षा प्रदान करने की बजाय उनको जेल में डाला जा रहा है। उनको जेल में डालना बहुत ही निंदनीय है। यूनाइटेड नेशन्स और बांग्लादेश सरकार से हमारी मांग है कि वे सभी हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करें। उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में तख्तापलट की कोशिश के दौरान जारी हिंसा में कई हिंदू समुदाय के लोग भी चपेट में आए हैं। इसके खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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