नयी दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन में यहां शनिवार को भारत (एशिया), पश्चिम एशिया और यूरोप के बंदरगाहों को जोड़ने वाले एक रेल मार्ग नेटवर्क के एक साथ एक आर्थिक गलियारे के विकास की घोषणा की गयी जिसके लिए अमेरिका और अन्य भागीदार देशों से मदद मिलेगी।
इस परियोजना के तहत बिजली, समुद्री केवल, स्वच्छ ऊर्जा और इंटरनेट सुविधाओं के ढांचे का भी विकास करने का संकल्प करते हुए इसमें शामिल देशों ने कहा है कि इससे आर्थिक गतिविधियों और रोजगार के अच्छे अवसरों का विस्तार होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल का स्वागत करते हुए इसे बड़ी संभावनाओं वाली पहल बताया है जो साझा प्रगति और नवाचार का प्रतीक बन सकती है।
बुनियादी ढांचे के विकास की इस वृहद परियोजना को भारत ,पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा कहा गया है और इसे इस क्षेत्र में चीन की बेल्डट और रोड ( अंतरराष्ट्रीय सम्पर्क मार्गों के विकास की पहल) के समानांतर पहल के रूप में देखा जा रहा है। भारत और अन्य देश चीन की बेल्ट-रोड परियोजना को कम्यूनिस्ट देश की ओर से अपारदर्शी तरीके से देशों पर थोपी जाने वाली परियोजना के रूप में आलोचना करते रहे है।