नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शस्त्र पूजन किया और एक अग्रिम सैन्य स्थल पर सेना के जवानों के साथ दशहरा मनाया। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की सैन्य तैयारियों की व्यापक समीक्षा की और अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस के साथ सीमा की रक्षा करने के लिए सैनिकों की सराहना की। बुम-ला और कई अन्य अग्रिम चौकियों का दौरा करने के बाद सैनिकों के साथ बातचीत में सिंह ने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृशय़ के मद्देनजर देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से देश के सैन्य कौशल को मजबूत करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आप कठिन परिस्थितियों में जिस तरह से सीमा की रक्षा कर रहे हैं, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि देश के लोगों को आप पर गर्व है।’’ रक्षा मंत्री ने कठिन परिस्थितियों में सीमाओं की रक्षा करते हुए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि राष्ट्र और उसके लोग सुरक्षित हैं, सैनिकों के प्रति उनकी ‘दृढ़ भावना, अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस’ के लिए आभार व्यक्त किया। तवांग में सैनिकों के साथ शस्त्र पूजा (हथियारों की पूजा) करने के बाद, उन्होंने कहा कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
अपने संबोधन में उन्होंने सश बलों के बहादुर जवानों की ‘सच्चाई और धर्म’ को विजयदशमी के त्योहार के लोकाचार का जीवंत प्रमाण बताया। रक्षा मंत्री ने कहा कि सश बलों की वीरता और प्रतिबद्धता वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कद के पीछे मुख्य कारणों में से एक है और यह अब सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है। सिंह ने आíथक क्षेत्र में भारत की सफलता को देश की बढ़ती वैश्विक छवि के कारणों में से एक बताया। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अगर सश बलों ने देश की सीमा की प्रभावी ढंग से रक्षा नहीं की होती, तो इसका कद नहीं बढ़ता।