अयोध्याः राम मंदिर के निर्माण के बाद ही अयोध्या लौटने की प्रतिज्ञा के 32 साल बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को इस आध्यात्मिक नगरी में कदम रखा और मंदिर में राम लला का अभिषेक समारोह पूरा किया। 14 जनवरी, 1992 को अपनी अयोध्या यात्रा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्पित कार्यकर्ता के रूप में पीएम मोदी ने प्रतिज्ञा की थी कि वह तभी लौटेंगे जब भगवान राम को समर्पित मंदिर पूरा हो जाएगा। उस दिन उन्होंने एक अस्थायी टेंट में रखे गए भगवान राम की पूजा में भाग लिया था और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाये थे। इस मौके पर मौजूद मीडियाकर्मियों ने उनकी इस प्रतिज्ञा को कैमरे में कैद किया था।
पीएण मोदी 5 अगस्त 2020 को भगवान राम के जन्मस्थान पर मंदिर की आधारशिला रखी थी और आज उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्य यजमान के तौर पर हिस्सा लिया और अनुष्ठान पूरा किया। ये अनुष्ठान केवल एक औपचारिक क्रियाकलाप ही नहीं , बल्कि भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक लोकाचार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब भी थे। आज के दिन आध्यात्मिक भव्यता के शुभ मौके पर भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने नवनिर्मित राम जन्मभूमि मंदिर पर फूल बरसाए गए।
आज की प्राण प्रतिष्ठा भगवान राम को उनके सही जन्मस्थान पर प्रतिष्ठित करने के लिए 500 वर्षों की प्रतीक्षा की पराकाष्ठा का वह प्रतीक है, जिसे दुनिया भर में लाखों लोगों और राम भक्तों ने टेलीविजन पर देखा। मंदिर के गर्भगृह में आयोजित इस कार्यक्रम में 8,000 से अधिक मेहमानों का स्वागत किया गया, जिसमें भारत भर के विभिन्न आध्यात्मिक और धार्मिक संप्रदायों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों और आदिवासी समुदायों के लोगों की सहभागिता रही।