सावधान! अब सिर्फ Missed Call से ही आपका Bank हो सकता है खाली, पढ़े पूरी खबर

नेशनल डेस्क : टेक्नोलॉजी भरी इस दुनिया में ऑनलाइन धोखाधड़ी बहुत बढ़ गया है। कई तरह के नए नए-नए स्कैम देखने को मिलते हैं। हाल ही में एक SIM स्वैप स्कैम से जुड़ा मामला सामने आया है। जिसमें एक व्यक्ति का कुछ ही घंटों में बैंक अकाउंट खली हो गया। क्या है SIM swap scam.

नेशनल डेस्क : टेक्नोलॉजी भरी इस दुनिया में ऑनलाइन धोखाधड़ी बहुत बढ़ गया है। कई तरह के नए नए-नए स्कैम देखने को मिलते हैं। हाल ही में एक SIM स्वैप स्कैम से जुड़ा मामला सामने आया है। जिसमें एक व्यक्ति का कुछ ही घंटों में बैंक अकाउंट खली हो गया।

क्या है SIM swap scam
SIM swap scam एक ऐसा धोखाधड़ी का मामला है जिसमें स्कैमर के पास यूजर की सिम का कंट्रोल आ जाता है। उसे आसानी से हमारी बैंक, आधार, पैन कार्ड से जुडी जानकारी मिल जाती है। जिसके बाद सिर्फ एक मिस्ड कॉल से ही स्कैमर आपका सारा बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं।

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आपको बता दें कि हाल ही में दिल्ली का एक युवक SIM Swap Scam का शिकार हो गए। उसके फ़ोन पर तीन मिस्ड कॉल प्राप्त हुईं और उसके बैंक खाते से पैसे गायब हो गए। पीड़ित पेशे से शिक्षक है और जब उसके साथ यह घटना हुई तब वह एक निजी स्कूल पढ़ता था। तीन घंटे से भी कम समय में उसके बैंक खाते से आठ लेनदेन हुए और 1.5 लाख रुपये गायब हो गए। शिक्षक ने बताया कि उसे कोई भी कॉल, टेक्स्ट या बैंक द्वारा ओटीपी नहीं मिला है, सिर्फ मिस्ड कॉल प्राप्त हुईं थी।

स्कैमर को कैसे मिलती है सारी जानकारी
स्कैमर आपकी जानकारी हासिल करने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं। वह आपको कॉल कर के भी आपसे जानकारी ले सकते हैं या फिर किसी फेक वेबसाइट यानी मालवेयर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद स्कैमर यूजर के टेलीकॉम ऑपरेटर को कॉल करता है। यहां स्कैमर कोई बहाना बना कर खुद के पास मौजूद सिम पर यूजर का नंबर एक्टीवेट करवा लेता है। आपके पास सिम होने के बावजूद आपके नंबर पर दूसरी सिम का इस्तेमाल होता है। जिसके बाद स्कैमर को यूजर के डिवाइस का एक्सेस मिल जाता है और फिर उसके पास हर कॉल्स, मैसेज से लेकर ओटीपी पासवर्ड की जानकारी मिल जाती है।

कैसे बचें ?
इन स्कैमर से बचने के लिए आपको बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए मजबूत और यूनिक पासवर्ड का इस्तेमाल करें। सिर्फ एसएमएस-आधारित 2एफए पर निर्भर रहने के बजाय ऑथेन्टिकेटर ऐप्स या फिजिकल सिक्योरिटी Key का इस्तेमाल करके मल्टी फैक्टर ऑथेन्टिकेशन (एमएफए) एनेबल करें। अपनी पर्सनल जानकारी या बैंक से जुडी कोई जानकारी ऑनलाइन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर न करे। ओटीपी मिलने में देरी होती है या बार-बार ओटीपी रिक्वेस्ट भेजने पर भी नहीं मिल रहा है तो ऐसी बातों को नजर अंदाज ना करें।

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