नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को विवादास्पद कानूनी प्रश्न पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया कि क्या मध्यस्थ बनने के लिए कोई अपात्र व्यक्ति किसी अन्य को नामित कर सकता है। दलीलें पूरी होने से पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ से कहा कि ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि विवादों को सुलझाने के तंत्र के रूप में मध्यस्थता को मजबूत किया जाए। दलीलों के दौरान पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं महेश जेठमलानी, एन के कौल और गौरव बनर्जी सहित कई वकीलों की दलीलें सुनीं। इस पीठ में न्यायमूíत ऋषिकेश रॉय, न्यायमूíत पी एस नरसिम्हा, न्यायमूíत जेबी पारदीवाला और न्यायमूíत मनोज मिश्र भी शामिल हैं।