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Telangana 33% भूभाग में हरियाली का लक्ष्य करेगा हासिल : CM Chandrashekar Rao

हैदराबादः तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने वन शहीद दिवस पर वनों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है हरित तेलंगाना के लिए 33 प्रतिशत भूभाग को वन और हरित क्षेत्र बाने के लक्ष्य को हासिल करने के अपनी सरकार के संकल्प.

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हैदराबादः तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने वन शहीद दिवस पर वनों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है हरित तेलंगाना के लिए 33 प्रतिशत भूभाग को वन और हरित क्षेत्र बाने के लक्ष्य को हासिल करने के अपनी सरकार के संकल्प को दोहराया। राज्य सरकार की सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने वन शहीद दिवस पर प्रदेश के वन विभाग के प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने कहा, कि ‘ आइए तब तक मिलकर काम करें जब तक हम हरित तेलंगाना के लिए अपने लक्ष्य 33 प्रतिशत हरितता को हासिल नहीं कर लेते। वन, पर्यावरण और हरियाली के बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। इसीलिए हमने तेलंगाना के शुरुआती दिनों में संतुलित पर्यावरण के लिए योजनाएं तैयार की हैं। ’’ केसीआर ने कहा कि अब एक दशक के उस संकल्प का परिणाम हम तेलंगाना में देख रहे हैं। सरकार ने वनों को बहाल कर हरियाली बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि आज हम‘तेलंगानाकु हरितहरम’कार्यक्रम के सभी वर्गों के समर्थन से आश्चर्यजनक परिणाम देख रहे हैं। हैदराबाद जैसे कंक्रीट शहर में भी हरियाली में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण हैदराबाद को‘इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चरल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन’द्वारा प्रस्तावित‘वल्र्ड ग्रीन सिटी अवार्ड – 2022’प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कितना भी विकास हो जाए, कितनी भी टेक्नोलॉजी बढ़ जाए, प्रकृति संरक्षण हमारा प्राथमिक मिशन है। हम ग्लोबल वार्मिंग को पर्यावरण की दृष्टि से पर्याप्त सुरक्षा उपाय न करने के परिणाम के रूप में देख रहे हैं। प्रदेश में वन संरक्षण मिशन के साथ काम करने वाले 22 अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी है।

उन्होंने कहा, ‘‘ उनका समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है, वनों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि। उनकी आकांक्षाओं को जीवित रखने के लिए हमें सरकार द्वारा लागू जंगल बचाओ-जंगल बढ़ाओ के नारे को ईमानदारी से लागू करना होगा। समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिज्ञा को एक आदेश के रूप में लेना चाहिए। ’’

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