ऊना: टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत आज ऊना के डिप्टी कमिश्नर राघव शर्मा द्वारा ज़िला अस्पताल से 5 टीबी सर्वेक्षण टीमों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। ये पांचों टीमें जिले में घर-घर जाकर रोगियों की पहचान करेंगी। हिमकैप्स नर्सिंग संस्थान से पांच टीमों का चयन किया गया है जिसमें प्रत्येक टीम में दो सदस्य होंगे।
इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जिले को 2023 तक टीवी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने जानकारी दी की गत कुछ वर्षों से जिले के विभिन्न स्थानों में रोग टेस्टिंग में वृद्धि की गई है और इस वर्ष विशेष रूप से हैंड हैल्ड डिजिटल एक्स-रे मशीन को भी फील्ड में उतारा है। जिसके इस्तेमाल से रोगियों की जल्दी से पहचान कर उपचार किया जा सके।
राघव शर्मा ने बताया कि इस सर्वेक्षण में 10 हज़ार घरों की स्क्रीनिंग करके डाटा तैयार किया जाएगा ताकि पता लग सके की जिले में वर्ष दर वर्ष टीबी रोगियों की स्थिति में कितनी कमी आ रही है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत गत वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर जिला ऊना को सिल्वर मेडल हासिल हुआ है तथा इस वर्ष गोल्ड मेडल लाने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिला ऊना के तहत गांव कुठेहड़ा, पंडोगा अप्पर, चोखेयाल, अप्पर अरनियाला व बोहाना गावों का राष्ट्रीय स्तर पर सर्वेक्षण के लिए चयन किया गया है। ये टीमें प्रतिदिन घर-घर जाकर रोगियों की पहचान कर जानकारी एकत्रित करेंगी और संभावित रोगियों के सैंपल एकत्रित करके जांच की जाएंगी।
राघव शर्मा ने जिलावासियों से अपील की है कि घरद्वार पर आने वाली टीबी टीमों का सहयोग करें निसंकोच जांच करवाकर जिले को टीबी मुक्त बनाने में योगदान दें। इस अवसर पर सीएमओ डाॅ मंजू बहल, डब्ल्यूएचओ कंसल्टैंट डाॅ रविंद्र, डाॅ आत्मिका, चिकित्सा अधीक्षक डाॅ रमन शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी डाॅ रमेश रत्तु, डाॅ ऋचा कालिया सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।