चंडीगढ़। भोले-भाले लोगों को धोखा देने वाले इमिग्रेशन सलाहकारों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के दौरान, पंजाब पुलिस की एनआरआई मामले इकाई ने शनिवार को एक ट्रैवल एजेंट अनिल बत्र को गिरफ्तार किया है। अनिल बत्रा अवैध इमिग्रेशन घोटाले में शामिल चार आरोपियों में से एक है। यह सफलता पंजाब पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा मिली है, जिन्होंने उन ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ 10 प्राथमिकी दर्ज की हैं, जिन्होंने पीड़तिों को अमेरिका में अवैध प्रवेश देने के झूठे वादे करके धोखा दिया था, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें वापस भेजा गया।
उल्लेखनीय है कि पंजाब पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने अवैध इमिग्रेशन गतिविधियों में शामिल धोखेबाज ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिये चार सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने वापस भेजे गये व्यक्तियों को आगे आने और यह सुनिश्चित करने में सहायता करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है कि कानूनों का उल्लंघन करने वालों को कानूनी सज़ा दी जा सके।
एडीजीपी एनआरआई मामले प्रवीण सिन्हा के नेतृत्व वाली एसआईटी के निर्देशों पर कार्रवाई करते हुये दोषी अनिल बत्रा को एसपी एनआरआई मामले पटियाला गुरबंस सिंह बैंस की निगरानी में एसएचओ पुलिस स्टेशन एनआरआई पटियाला इंस्पेक्टर अभय सिंह चौहान की नेतृत्व वाली टीम ने गिरफ्तार किया है।
आरोपी अनिल बत्रा, निवासी शांति नगर, टेका मार्केट, थानेसर, कुरुक्षेत्र, हरियाणा को पटियाला (5-ई प्रताप नगर) स्थित उसके ससुराल से गिरफ्तार किया गया है। उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 406, 420, 370, और 120-बी और इमिग्रेशन अधिनियम की धारा 24 के तहत नामजद किया गया था। बत्र पर शिकायतकर्ता के लिये सुरीनाम देश का वीजा और टिकट की व्यवस्था करके अवैध इमिग्रेशन गतिविधियों की सुविधा देने का आरोप है।
सुरीनाम से पीड़ति दक्षिण अमेरिका के अन्य देशों, जिसमें ब्राजील या कोलंबिया शामिल हैं, के माध्यम से यात्र करते हुये मध्य अमेरिका में प्रवेश किया। मध्य अमेरिका में वह पनामा, कोस्टारिका, निकारागुआ, होंडुरास, ग्वाटेमाला और मैक्सिको सहित देशों से होता हुआ अंतत: तस्करों की सहायता से अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) पहुंचा। इस संबंध में कार्रवाई करते हुए 14 फरवरी, 2025 तक, अनिल बत्र के बैंक खाते को 6.35 लाख रुपए के बकाये के साथ फ्रीज कर दिया गया है।
यादव ने इन आपराधिक नेटवर्कों को समाप्त करने और भोले-भाले व्यक्तियों को शोषण से बचाने के लिए पंजाब पुलिस की प्रतिबद्धता को दोहरायी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे किसी भी जानकारी के साथ आगे आयें जो उन दोषियों की गिरफ्तारी में सहायता कर सके जिनके खिलाफ मामले दर्ज किये गये हैं। इसके अलावा, डीजीपी ने नागरिकों को सलाह दी कि वे इमिग्रेशन सेवाओं के लिए केवल लाइसेंस प्राप्त एजेंटों से संपर्क करें और धोखाधड़ी से बचने के लिये उनके दस्तावेजों की अच्छी तरह से पुष्टि करें।