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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नेशनल डेस्क: उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजूदरों के रेस्क्यू ऑपरेशन अपने आखिरी चरण पर है। बस कुछ घंटों की देरी बाकी है और मजदूर बाहर लाए जाएंगे। ड्रिलिंग के दौरान आई बाधा को दूर कर लिया गया है। इसी बीच NDRF ने सुरंग में मॉकड्रिल की कि कैसे मजदूरों को स्ट्रेचर के जरिए बाहर लाना है।
This is how the NDRF team is trying to rescue the trapped workers in Uttarkashi- pic.twitter.com/kaznboUScv
— pallavi ghosh (@_pallavighosh) November 24, 2023
इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजदूरों के स्वास्थ्य को लेकर खास दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि जरूरत के हिसाब से मजदूरों को जहां भी भेजना पड़े उनको भेजा जाए। पीएम मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन पर निर्देश दिए कि टनल से बाहर आने पर श्रमिकों के स्वास्थ्य और जरूरत पड़ने पर हॉस्पिटल या घर भेजने की व्यवस्था की जाए और उनको किसी तरह की असुविधा न हो। प्रधानमंत्री मोदी हर रोज सिलक्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों एवं उनके परिजनों के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को फोन कर अपडेट ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी से बातचीत में शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने बचाव कार्य में उत्पन्न होने वाली बाधा और रुकावट के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को अवगत कराया कि न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड से इस सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस्पात से बनी वस्तुओं के ऑगर मशीन के सामने आने पर कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। ऐसे में ऑगर मशीन को रोककर और फिर उसे बाहर निकालकर सभी अवरोधों को श्रमिकों द्वारा दूर किया जा रहा है, जिसके कारण इस प्रक्रिया में समय लग रहा है।
मुख्यमंत्री को इस दौरान प्रधानमंत्री ने विशेष निर्देश दिए कि जब श्रमिक टनल से बाहर निकलेंगे तो उनके स्वास्थ्य परीक्षण और चिकित्सकीय देखभाल पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। प्रधानमंत्री ने इस दौरान सुरंग के अंदर फँसे श्रमिकों की स्थिति और उनको दी जाने वाला भोजन और दैनिक दिनचर्या की वस्तुओं के बारे में जानकारी लेने के साथ ही राहत तथा बचाव कार्य में लगे श्रमिकों की स्थिति एवं उनके लिए किए जा रहे सुरक्षा के उपाय के बारे में पूछा। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि इसमें किसी तरह की कोई कमी न रहे। उन्होंने बचाव कार्य की प्रगति और किए जा रहे कार्यों के साथ ही विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय और यदि किसी अन्य सहयोग की ज़रूरत है तो उस पर जानकारी ली। साथ ही श्रमिकों के परिजनो के बारे में जानकारी भी ली।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 6 इंच व्यास के पाइप लाइन मलवे के सफलता पूर्वक बिछाए जाने के बाद वैकल्पिक लाइफ लाइन बनाई गई है। जिसके माध्यम से टनल में फंसे श्रमिकों तक ताजा पका भोजन, फल, ड्राई फ्रू्टस, दूध, जूस के साथ ही डिसपोजेबल प्लेट्स, ब्रश, तौलिया, छोटे कपड़े, टूथ पेस्ट, साबुन, आदि दैनिक आवश्कता की सामग्री बोतलों में पैक कर भेजी जा रही है। जिससे श्रमिकों के भोजन एवं पोषण की समस्या को लेकर अब कोई चिंता नहीं है। इसी पाइप लाइन के जरिए SDRF द्वारा स्थापित कम्युनिकेशन सेटअप के माध्यम से श्रमिकों से नियमित संवाद किया जा रहा है। इसी माध्यम से श्रमिकों और उनके परिवार जनों को भी बातचीत कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं भी इसी माध्यम से श्रमिकों का हाल-चाल जाना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रमिको एवं उनके परिजनों का मनोबल बनाए रखने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। सिलक्यारा में स्थापित अस्थाई अस्पताल में तैनात डॉक्टर्स के द्वारा श्रमिकों के स्वास्थ के निरंतर निगरानी की जा रही है। एम्बुलेंस से लेकर नजदीकी अस्पताल में 41 विशेष बेड श्रमिकों हेतु तैयार किए गए हैं।