नेशनल डेस्क: यमुनोत्री एनएच पर निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के कारण सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूर बीते 7 दिनों से मौत से लड़ रहे हैं और बाहर उन्हें बचाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है। प्रधानमंत्री कार्यालय के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने शनिवार को घटनास्थल का मुआयना किया।
बचाव अभियान की रणनीति को लेकर आयोजित एक विशेष बैठक में हुए विचार-विमर्श के बाद उन्होंने घोषणा की कि सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेसक्यू ऑपरेशन अब पांच मोर्चों पर चलेगा। खुल्बे ने कहा, ‘फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए सुरंग के दाएं व बाएं हिस्से में इस्केप टनल बनाया जाया जाएगा और सुरंग के ऊपर की पहाड़ी से वर्टकिल ड्रिलिंग की जाएगी।
विदेशी विशेषज्ञों की मदद से पांच विकल्पों पर केंद्र और राज्य की छह टीमें रविवार से काम शुरू करेंगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ सिलक्यारा पहुंचेंगे और रेस्क्यू का पूरा जायजा लेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घटना पर नजर बनाए हुए हैं। पीएम मोदी सीएम से और आला अधिकारियों से रेस्क्यू को लेकर पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। पीएमओ में उप सचिव भास्कर खुल्बे ने कहा, “हमारी प्राथमिकता सात दिन से सुरंग में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की है। हम फंसे लोगों के पास जल्द पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
पीएमओ के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल व पीएम के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने सुरंग के ऊपर की पहाड़ी के शीर्ष पर जाकर इस्केप पैसेज बनाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा चिन्हित स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरंग परियोजना व रेस्क्यू अभियान से जुड़े अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक की, जिसमें रेस्क्यू ऑपरेशन के विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में लिए गए निर्णयों पर तत्काल अमल शुरू किया गया। घिल्डियाल ने सुरंग में फंसे मजदूरों की जीवनरेखा बनी पाइपलाइन के जरिए अंदर फंसे मजदूरों तक पोषक फूड सप्लीमेंट, ओआरएस भिजवाई।
उन्होंने मजदूरों के परिजनों को भरोसा दिलाया कि अंदर फंसे सभी लोगों को जल्द सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा। इस दौरान उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, सुरंग से मजदूरों को निकालने के रेस्क्यू अभियान के लीडर कर्नल दीपक पाटिल और एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलको भी मौजूद रहे। जियोलॉजिस्ट इंजीनियर वरुण अधिकारी ने कहा, “हम इस पर विचार-विमर्श कर रहे हैं कि रेस्क्यू में और क्या-क्या किया जा सकता है। विचार-विमर्श से जो निष्कर्ष निकलेगा, उसी मुताबिक काम को आगे बढ़ाएंगे।